नई दिल्ली। देशभर में 21 दिन के लॉकडाउन (बंद) के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों से खाद्य पदार्थ और अन्य आवश्यक सामान की कमी के बारे में फैल रही अफवाहों पर अंकुश लगाने की खातिर कदम उठाने के लिए कहा है।
सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी को भेजे पत्र में मंत्रालय ने उनसे आशंकाओं को दूर करने और शांति एवं सामंजस्य बनाए रखने के लिए कार्रवाई करने तथा लोगों को खाद्य पदार्थ, दवाओं और अन्य आवश्यक सामान की उपलब्धता के बारे में सूचित करने के लिए कहा है। मंत्रालय ने कहा कि आपदा प्रबंधन कानून—2005 (बंद के लिए) के तहत जारी आदेश के मद्देनजर खाद्य तथा अन्य आवश्यक सेवाओं एवं सामान के अभाव समेत अन्य अफवाहें फैलने की आशंका है। पत्र में कहा गया है कि इस संदर्भ में यह आवश्यक है कि सभी राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रशासन सभी उपलब्ध माध्यमों के जरिए यह प्रचारित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं कि खाद्य पदार्थ, मेडिकल और अन्य आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति बरकरार रहेगी और देश में पर्याप्त सामान उपलब्ध हैं। मंत्रालय ने मुख्य सचिवों और डीजीपी से देश में कोविड-19 वैश्विक महामारी को रोकने के लिए 21 दिन की बंद की अवधि के दौरान उठाए जाने वाले कदमों पर जारी दिशा निर्देशों के प्रावधानों ओर सूचना का प्रचार करने का भी अनुरोध किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 21 दिन के बंद की घोषणा की थी। मोदी की घोषणा के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रव्यापी बंद लागू करने के लिए सख्त दिशा निर्देश जारी किए थे। मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार, सभी सरकारी कार्यालय, राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों के कार्यालय, स्वायत्त संस्थान, सार्वजनिक निगम, वाणिज्यिक, निजी, औद्योगिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। इनमें कहा गया है कि हालांकि उचित मूल्य की दुकानें और भोजन, किराने का सामान, फल, सब्जियां, डेयरी, मांस, मछली, पशु चारे से संबंधित दुकानें खुली रहेंगी। दिशा निर्देशों के अनुसार, बैंक, बीमा कार्यालय, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया खुले रहेंगे। इसमें ई-कॉमर्स के जरिए खाद्य पदार्थ, दवाइयां, चिकित्सीय उपकरण मुहैया कराने को भी बंद से छूट है। इसमें कहा गया है, कि सभी प्राधिकारी यह संज्ञान में लें कि कड़ा प्रतिबंध लोगों की आवाजाही पर है न कि आवश्यक सामानों पर।
निजी एजेंसियों से छंटनी या वेतन कटौती न करने को कहा
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरोना वायरस से लडऩे के लिए 21 दिन की लॉकडाउन (बंद) अवधि के दौरान निजी सुरक्षा एजेंसियों से सुरक्षाकर्मियों की छंटनी या उनके वेतन में कटौती न करने के लिए कहा है। सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री, सीआईआई, फिक्की, एसोचैम तथा अन्य को लिखे पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा कि भारत कोविड-19 के मद्देनजर पैदा हुई अभूतपूर्व स्थिति का सामना कर रहा है। इससे आर्थिक गतिविधि पर भी असर पड़ा है और ऐसी आशंका है कि दुकानों, मॉल्स तथा अन्य प्रतिष्ठान बंद होने के कारण निजी सुरक्षा एजेंसियों पर भी असर पड़ा हो। मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा कि यह समय निजी सुरक्षा एजेंसियों के लिए मानवीय रुख अपनाने और अपने कर्मचारियों तथा स्टाफ के सदस्यों को छंटनी तथा आय में कटौती से बचाने का है।अत: इंडस्ट्री से अपने कार्यबल के प्रति हमदर्दी रखने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाता है कि इन कामगारों को ड्यूटी पर माना जाए और उसके अनुसार उनका वेतन देना जारी रखा जाए। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक महामारी से लडऩे के लिए मंगलवार को 21 दिन के बंद की घोषणा की थी।