अष्टमी नवमीं पर कन्या भोज भी नहीं होगा
रायपुर। प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी हिन्दू नववर्ष झूलेलाल महोत्सव एवं वासंती चैत्र नवरात्र का आज से प्रारंभ हो गया है। कोरोना वायरस के चलते शहर के इतिहास में पहली बार ऐसा मौका आया है। जब भक्त नवरात्रि में माता के दर्शन से वंचित है। संपूर्ण देश में लाक डाउन के चलते 14 अप्रैल तक कफ्र्यू जैसे हालात है। महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने एवं कालीमंदिर रायपुरा, महादेव घाट के पुजारी गोस्वामी गिरी महाराज ने भक्तों से चैत्र नवरात्र में अपने घरों में ही रहकर पूजा पाठ करने का अनुरोध किया है। इस वर्ष शहर के प्राचीनतम मंदिरों सहित प्रदेश के माता देवालयों में ज्योति प्रज्जवलित भी नहीं की गई है। पंडित शुक्ला ने बताया कि चैत्र नवरात्र के अवसर पर सुबह 8.47 से 10.46 बजे तक वृषभ लग्र में घटस्थापना का मुहूर्त है इसके साथ ही अन्य समय में दोपहर 3.24 से शाम 5.24 सिंह लग्र एवं रात 9.46 से 12 बजे वृश्चिक लग्न में भी श्रद्धालु अपने घरों में घट स्थापना कर सकते हैं। प्राचीन मंदिरों में हजारों की तादाद में पहुंचने वाले भक्तों के अनुसार माता हमेशा अपनी संतान का भला करती है। कोरोना वायरस से लडऩे में भी मातृ शक्ति ही उक्त लड़ाई को जीतकर लोगों को जीवनदान देगी। यह विचार गायत्री नगर निवासी मां काली के अखंड भक्त पं. कृष्ण कुमार वाजपेयी ने व्यक्त किया।
ज्ञातव्य है कि मंगलवार रात को ही अपने राष्ट्र के संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को परिवार का सदस्य बनकर हाथ जोड़कर आने वाले 21 दिनों में घरों में ही रहने की अपील की है। लोगों की जिद लाखों जिंदगियों की तबाही का कारण बन सकती है। डॉ. जयेश कावडिय़ा के अनुसार कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए वे शहर के आम लोगों से घरों में रहकर ही माता की पूजा अर्चना करने की अपील करते हैं।