दिल की दवा दिल की बीमारी ठीक करने के साथ ही इंसानों में भूलने की बीमारी को भी ठीक कर सकती है. एक हालिया शोध में यह दावा किया गया है कि कोलेस्ट्रॉल व हाई ब्लड प्रेशर की दवाओं के संयोजन से इंसान में डिमेंशिया के खतरे को भी कम किया जा सकता है.
विचाराधीन दवाओं में दो सामान्य प्रकार की ब्लडप्रेशर की दवाएं जैसे एसीई इनहिबिटर और एंजियोटेंसिन दो रिसेप्टर ब्लॉकर्स (एआरबी) शामिल होती हैं. साथ ही इसमें कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले स्टैटिन भी होते हैं.
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखना है जरूरी
यूनिवर्सिटी ऑफ सर्दर्न कैलिफोर्निया के शोधकर्ता डगलस बर्थोल्ड ने कहा कि यह पहले से ही पता है कि स्वस्थ हार्ट के लिए ब्लडप्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखना बहुत जरूरी है. अध्ययन से पता चलता है कि कुछ दवाओं के संयोजन से भी अल्जाइमर का निदान पाया जा सकता है.
इन वजहों से होती है भूलने की बीमारी
तनाव: ज्यादा काम होने के कारण अक्सर लोगों को तनाव ज्यादा रहता है. तनाव धीरे-धीरे आपकी ब्रेन मेमोरी को खोखला करता है, जिसके कारण आपको भूलने की बीमारी हो सकती है.
मल्टी टास्किंग: ऑफिस, घर में अक्सर एक साथ कई सारे काम करने के कारण भी दिमाग की मेमोरी प्रभावित होती है.
नींद कम आना: जिन लोगों को नींद कम आने की समस्या है वो भी भूलने की बीमारी का शिकार हो सकते हैं. नींद कम आने की वजह से न सिर्फ आपका स्वास्थ्य खराब होता है, बल्कि चीजों को याद करना, याद रखना भी मुश्किल हो जाता है.
ज्यादा दवाइयों का सेवन: भूलने की बीमारी उन लोगों को भी हो सकती है जो हर छोटी-छोटी बात पर दवाइयों का सेवन करते हैं. अक्सर लोग सिरदर्द, बुखार, खांसी, पेट दर्द समेत कई छोटी-छोटी समस्याओं में कई सारी दवाओं का सेवन करते हैं. ज्यादा दवाओं का सेवन करना भी दिमाग पर असर डाल सकता है, जिसके कारण भूलने की बीमारी हो सकती है.