वॉशिंगटन
सबसे बड़े सैन्य संगठन नाटो में शामिल होने के लिए यूक्रेन बेताब है लेकिन ऐसा लगता है कि अभी उसकी मंजिल उससे दूर है। एक खास इंटरव्यू में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि रूस के साथ जारी यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की जरूरत है। इसके बाद ही गठबंधन यूक्रेन को शामिल करने पर सोच सकता है। बाइडन ने सीएनएन को दिए इंटरव्यू में कहा है कि यूक्रेन अभी नाटो की सदस्यता के लिए तैयार नहीं है। बाइडन के इस बयान को यूक्रेन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि देश पिछले काफी समय से नाटो में शामिल होने का अनुरोध करता आ रहा है।
नाटो शिखर सम्मेलन से पहले बड़ा बयान
यूरोप की एक हफ्ते की यात्रा पर रवाना होने से पहले बाइडन ने यूक्रेन और नाटो की सदस्यता पर काफी बातें की है। इस दौरान बाइडन ने नाटो शिखर सम्मेलन का भी जिक्र किया जो लिथुआनिया में होना है। इस सम्मेलन में कई मुद्दे प्रमुख हैं लेकिन यूक्रेन में रूस के साथ जारी युद्ध और नाटो में शामिल होने के लिए जेलेंस्की की तरफ से डाले जा रहे दबाव का मसला सबसे अहम होगा। बाइडन ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता युद्ध के बीच में नाटो में इस बात पर अभी आम सहमति है कि यूक्रेन को नाटो के परिवार में लाया जाए या नहीं। हम नाटो क्षेत्र के हर इंच को अपने कब्जे में लेने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह एक प्रतिबद्धता है जिसे हम सभी ने निभाया है, चाहे कुछ भी हो। अगर युद्ध चल रहा है तो हम सभी युद्ध में हैं।’
हथियार देता रहेगा अमेरिका
बाइडन ने कहा कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से इस मुद्दे पर विस्तार से बात की है। उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति से कहा है कि प्रक्रिया पूरी होने तक अमेरिका, यूक्रेन के लिए सुरक्षा और हथियार प्रदान करना जारी रखेगा जैसा कि वह इजरायल के लिए करता है। बाइडन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें नाटो में शामिल होने में सक्षम होने के लिए यूक्रेन के लिए एक तर्कसंगत रास्ता तैयार करना होगा। गठबंधन हमेशा से खुले दरवाजे वाली नीति का पालन करता आया है।’ इसके बाद बाइडन ने आगे कहा, ‘ लेकिन मुझे लगता है कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि वोटिंग कराई जानी चाहिए क्योंकि बाकी योग्यताएं भी पूरी नहीं हुई हैं जिसमें लोकतंत्रीकरण और कुछ और मसले शामिल हैं।’
यूक्रेन को मिलेंगे क्लस्टर बम
शुक्रवार को व्हाइट हाउस ने घोषणा की थी कि अमेरिका पहली बार यूक्रेन को क्लस्टर युद्ध सामग्री भेज रहा है। यह कदम यूक्रेन के गोला-बारूद को बढ़ाने में मदद करने के लिए उठाया गया है क्योंकि वह रूस के खिलाफ जवाबी हमला जारी रखे हैं। बाइडन के मुताबिक यूक्रेन को विवादास्पद गोला-बारूद देना एक मुश्किल फैसला था लेकिन उन्हें लगता था कि यह बहुत जरूरी है क्योंकि यूक्रेन के पास गोला-बारूद नहीं था। नाटो की बैठक भी तब हो रही है जब स्वीडन भी गठबंधन में शामिल होने की कोशिशें कर रहा है। लेकिन तुर्की और हंगरी इसका विरोध कर रहे हैं।