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डिजिटल अर्थव्यवस्था के आंकार का पता लगाने के लिए एजेंसी नियुक्त करेगी सरकार

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नई दिल्ली
सरकार डिजिटल अर्थव्यवस्था के वास्तविक आकार का पता लगाने के लिए एक एजेंसी नियुक्त करने की तैयारी कर रही है। एक आधिकारिक दस्तावेज से यह जानकारी मिली है। डिजिटल अर्थव्यवस्था का आकार 2025 में 1,000 अरब डॉलर रहने का अनुमान है।

इस कार्य के लिए नियुक्त एजेंसी का कार्यकाल नौ माह का होगा।

एजेंसी को चयन की तारीख से 32 सप्ताह के भीतर चालू वित्त वर्ष से 2029-30 तक डिजिटल अर्थव्यवस्था के आकार और अनुमान पर रिपोर्ट का मसौदा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मेइटी) को सौंपना होगा।

दस्तावेज़ में कहा गया है, ‘‘अनुरोध प्रस्ताव (आरएफपी) का उद्देश्य भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था का आकलन और मापन है। इसमें माप ढांचा तैयार करना, आंकड़े जुटाना और डिजिटल बदलाव की पहचान करना शामिल है।’’

रिपोर्ट राज्यों की रैंकिंग और डिजिटल अर्थव्यवस्था में उनकी हिस्सेदारी के साथ-साथ ऐसी अर्थव्यवस्था पर ई-कॉमर्स और उभरती प्रौद्योगिकी के प्रभाव पर भी गौर करेगी।

दस्तावेज में कहा गया है, ‘‘सरकारी और निजी/सामाजिक क्षेत्रों के बीच सहयोग के साथ ‘टीम इंडिया’ की भावना से सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता है।’’

मेइटी ने इससे पहले ‘‘भारत का ट्रिलियन डॉलर का डिजिटल अवसर’ शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें आईटी बुनियादी ढांचे, सॉफ्टवेयर क्षमताओं और स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा से लेकर अगली पीढ़ी की वित्तीय सेवाओं तक 30 डिजिटल विषयों की पहचान की गई है।

इसमें अनुमान लगाया गया है कि डिजिटल बदलाव से 2025 तक 1,000 अरब डॉलर के आर्थिक मूल्य का सृजन होगा, जिससे छह से साढ़े छह करोड़ रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

 

 

सेंसेक्स की शीर्ष 10 में छह कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 1.19 लाख करोड़ रुपये बढ़ा

नई दिल्ली
 सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से छह कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह 1,19,763.25 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। सबसे अधिक लाभ में रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईटीसी रहीं।

बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 561.89 अंक या 0.86 प्रतिशत की बढ़त में रहा। सात जुलाई को सेंसेक्स ने 65,898.98 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर को छुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 57,338.56 करोड़ रुपये बढ़कर 17,83,043.16 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सबसे अधिक लाभ में रिलायंस इंडस्ट्रीज ही रही।

आईटीसी का बाजार मूल्यांकन 21,291.04 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 5,82,602.46 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की बाजार हैसियत 18,697.06 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 5,29,898.83 करोड़ रुपये और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसज (टीसीएस) की 9,220.81 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 12,16,890.72 करोड़ रुपये रही।

आईसीआईसीआई बैंक की बाजार हैसियत 8,998.26 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 6,62,702.30 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। हिंदुस्तान यूनिलीवर ने सप्ताह के दौरान 4,217.52 करोड़ रुपये जोड़े और उसकी बाजार हैसियत बढ़कर 6,33,532.04 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।

इस रुख के उलट एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 22,926.37 करोड़ रुपये घटकर 9,28,657.99 करोड़ रुपये रह गया। एचडीएफसी के मूल्यांकन में 9,782.7 करोड़ रुपये की गिरावट आई और यह 5,12,585.94 करोड़ रुपये पर आ गया। भारती एयरटेल की बाजार हैसियत 5,219.66 करोड़ रुपये घटकर 4,84,844.10 करोड़ रुपये रह गई।

इन्फोसिस का मूल्यांकन 1,638.41 करोड़ रुपये के नुकसान से 5,52,452.86 करोड़ रुपये पर आ गया।

शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, इन्फोसिस, एसबीआई, एचडीएफसी और भारती एयरटेल का स्थान रहा।