कलेक्टर दीपक सोनी के रचनात्मक कार्यो का हैं एक और मिसाल, कोरोना वायरस से बचाव में अहम सेनेटाइजर मास्क तैयार कर रही जिलें की महिलाए, पहले चरण में
करीब 50 हजार मास्क तैयार कर उपलब्ध कराएंगे जिला अस्पताल में
सूरजपुर।वैश्विक स्तर पर महामारी का रूप धारण कर चुकी नोवेल कोरोना वायरस से प्रभाव और संक्रमण से जुझ रही हैं।वहीं इस वायरस की दस्तक राजधानी दिल्ली सें लेकर रायपुर प्रदेश की राजधानी में होनें पर एलर्ट मोड पर सरकार तमाम कवायदों को पूर्ण करने में चौबीसों घंटे जुटी हुई है।जिसका मुख्य उद्देश्य कम से कम लोग इससे प्रभावित हो और मौत के मामलों पर भी अंकुश लग सकें।इन्हीं कवायदों में शामिल सबसे अहम भूमिका सेनेटाइजर मास्क और सेनेटाइजर है,जो इससे बचाव वर्तमान समय की जरूरत पड़ने से मांग अनुसार उपलब्धता अचानक से बढने की वजह से बेतहाशा रूप से इसका मुल्य बढने से चितिंत शासन ने इसे आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत लाने के साथ दर निर्धारण किया है।इन सभी कवायद के बाद भी बाजार में उपलब्ध मांग अनुसार नहीं होने की वजह से अचानक कही इसकी जरूरत आन पड़ी तो परेशानियों का समाधान करने के लिए प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में सूरजपुर जिला दूसरों के भरोसे ना रहते हुए खुद सें ही उपलब्ध कराने के लिए जिलें के कलेक्टर दीपक सोनी ने अपनी दूरदर्शी सोच और रचनात्मक कार्य में एक और अहम सफलता के रूप में आर्थिक रूप से पिछड़ेपन का शिकार परिवारों को इस समय में रोजगार के अवसर बतौर फेस मास्क निर्माण कार्य में जोड़ने के साथ इसके सुरक्षित निर्माण के लिए प्रशिक्षण उपरांत वर्तमान में जिला मुख्यालय सूरजपुर शहर मे ही एनयुएलएम के तहत गठित 10 महिलाओं के समूहों को सुरक्षित रूप से निर्माण कर पहले चरण में ही करीब 50 हजार मास्क की उपलब्धता जिला अस्पताल में महिला समूह के द्वारा कराई जाएगी।इससे जहां मांग अनुसार उपलब्ध कराने के साथ विषम परिस्थितियों में त्वरित रूप से आमजनों को उपलब्ध कराने के साथ कम से कम दर पर विक्रय होनें सें महिलाओं को रोजगार सें जहां अपने परिवार का जीवन स्तर में बदलाव के साथ वायरस से अपने परिवार और परिचितों को बचाने में अहम माध्यम भी यही महिलाएं बनकर सामने आ रही हैं।आपको बताते चलें कि जब इस वायरस के संबंध में राज्य सरकार के बचाव के लिए एहतियातन रूप से जागरूकता अभियान के माध्यम से लोगों को बचाने के क्रम में ग्रामीण सहित नगरीय क्षेत्रों में आर्थिक रूप से पीछड़ेपन जैसी स्थितियों में रहने वाला वर्ग को जागरूक करना सबसे बड़ी चुनौती के रूप में आकलन किया गया था, लेकिन इस दफा भी कलेक्टर श्री सोनी के कुशल नेतृत्व नें जहां जितनी चुनौतियां वहीं सबसे ज्यादा अवसर भी उपलब्ध होने की बातो को एक दफा फिर से सार्थक करनें के राहो में प्रदेश के अन्य जिलों के लिए अनुकरणीय पहल बतौर बनकर सामने आया है।