भोपाल
राजधानी में संचालित हो रहीं कोपरा, गिट्टी और मुरम की खदानों में सुरक्षा के इंतजाम करने से खदान संचालक कई साल से बच रहे हैं। ये खदान संचालक प्रशासन की गाइडलाइन और उनके निर्देशों को नहीं मान रहे हैं। राजधानी में बीते पांच साल में चार कलेक्टर निशांत वरवड़े, सुदाम खाडे, तरुण पिथौडेÞ और अविनाश लवानिया अपने कार्यकाल में इन खदानों में पौधरोपण और बंद पड़ी खदानों में फेंसिंग कराने के संबंध में लगातार निर्देश देते रहे, लेकिन अब तक इस मामले में खदान संचालकों ने गंभीरता नहीं दिखाई। ऐसे में बारिश के दौरान यहां पर दुर्घटनाएं होती हैं।
फेंसिंग और पौधरोपण की योजनाओं पर कब होगा एक्शन
कुछ दिनों पहले आए कलेक्टर आशीष सिंह से एक्शन की संभावना है। वैसे कलेक्टर सिंह कई मुद्दों पर शहर की पुरानी समस्याओं का हल निकालने में लगातार प्रयासरत हैं। अब फिर से बारिश के सीजन में जिला प्रशासन के अफसरों द्वारा जानलेवा हो चुकी इन खदानों को सुरक्षा की दृष्टि से पौधरोपण और फेशिंग कराने की कवायद करने की योजना बनाई जा रही है, लेकिन इस पर एक्शन होगा या नहीं, यह अब तक तय नहीं है।
हर साल होती हैं दुर्घटनाएं
बारिश में हर साल राजधानी में पुरानी और सैकड़ों फीट गहरी खुली खदानों में दुर्घटनाएं होती हैं। ऐसे में कलेक्टर आशीष सिंह ने बारिश पूर्व ही ऐसी खदानों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, जो खदान संचालक गड़बड़ी कर रहे हैं। आदेश के बाद अब जिला खनिज विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौका मुआयना कर रहे हैं, ताकि ऐसे लापरवाह संचालकों पर कार्रवाई हो सके। खनिज विभाग की टीमें अभी बैरसिया रोड, विदिशा रोड, अयोध्या नगर बायपास, कोकता, रातीबड़, नीलबड़, कोलार रोड, रायसेन रोड और परवालिया सड़क में जांच करने की कार्ययोजना बना रही हैं।
खदानों में सुरक्षा के इंतजाम है कि नहीं इसकी जांच कराई जा रही है। सुरक्षा के इंतजाम नहीं करने वालों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। बाद में इनके पट्टे निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
– एसएस बघेल, जिला खनिज अधिकारी, भोपाल