भोपाल
प्रदेश में विमुक्त, घुमन्तु, अर्द्धघुमन्तु समुदायों के उत्थान और उनके हितों के लिये चलाई जा रही योजनाओं के बेहतर तरीके से क्रियान्वयन के लिये बेस लाइन सर्वे कराया जा रहा है। इस कार्य के लिये इस वर्ष के विभागीय बजट में 2 करोड़ 34 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है।
विभाग ने पिछले वर्ष इस कार्य के लिये विभागीय बजट में 51 लाख रूपये का प्रावधान किया था। बेस लाइन सर्वे में सहयोग करने के लिये एनआईसी द्वारा पोर्टल एवं मोबाइल एप तैयार किया जा रहा है।
स्व-रोजगार योजना
इन समुदायों के पारंपरिक कला, ज्ञान और व्यवसाय को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिये आईटीआई के माध्यम से मुख्यमंत्री विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु स्व-रोजगार योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। योजना में इन वर्गों के आईटीआई द्वारा प्रशिक्षित हितग्राही को 2 लाख रूपये तक व्यक्तिगत ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। हितग्राही को ऋण राशि की 25 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी। लाभान्वित हितग्राही को 6 प्रतिशत ब्याज अनुदान भी उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रदेश में 51 समुदाय
प्रदेश में 51 विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु समुदाय हैं, जो संपूर्ण प्रदेश में फैले हैं। इन वर्गों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिये स्कीम फॉर इकोनॉमिक इम्पावरमेंट ऑफ डीएनटी (एसईईडी) परियोजना प्रारंभ की गई है। यह योजना केन्द्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सहयोग से शुरू की गई है। विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण विभाग द्वारा विभागीय वेबसाइट भी तैयार की गई है।