Home छत्तीसगढ़ कार्यकर्ताओं की भारी उपेक्षा…क्या प्रभारी और अध्यक्ष ही जिताएंगे विधानसभा…? मीटिंग और...

कार्यकर्ताओं की भारी उपेक्षा…क्या प्रभारी और अध्यक्ष ही जिताएंगे विधानसभा…? मीटिंग और शिविर में हो रही उपेक्षा…भूमाफिया के इशारे पर चल रही राजनीतिक दिनचर्या…मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के लिए एक-एक सीट महत्वपूर्ण…

132
0

छत्तीसगढ़ डेस्क – प्रदेश का एक नवोदित जिला जहां विधानसभा में कांग्रेस की स्थिति बेहद खराब और चिंताजनक हैं, और जिनके कंधों पर इस जिले की विधानसभाओं को जिताने की जिम्मेदारी हैं या दी गई हैं वे भी कुछ छुटभैय्ये नेताओं की स्वार्थवादी महत्वकांक्षाओं में डुबकी लगा स्वयं का हित देखने लगे हैं, जिसके चलते सत्ता होने के बाद इस जिले में कांग्रेस की स्थिति खराब होती जा रही हैं।
जानकारों की माने तो जरूरी नहीं कि विधानसभा चुनाव 2018 के अनुरूप ही 2023 के विधानसभा का चुनाव परिणाम आये, 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की रमन सरकार के 15 वर्षों के कार्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और अधिकारियों की मनमानी ने भाजपा के रमन सरकार की नींव हिला दी, जिसके चलते रमन सरकार की शर्मनाक हार हुई , इसमें कांग्रेस द्वारा बनाये गए घोषणा-पत्र ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई। परंतु अब इस जिले के कांग्रेस के कई नेता, जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी भी 15 साल राज करने वाले रमन सरकार के रास्ते पर चलते दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि विधानसभा चुनाव 2018 के चुनाव परिणाम के बाद से ही इस जिले के कुछ कांग्रेसी नेता और जनप्रतिनिधि हवा में उड़ने लगे हैं, उन्हें कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से कोई लेना देना नहीं, कांग्रेस का कार्यकर्ता खुद पार्टी के नेताओं और जनप्रतिनिधियों से शोषित और उपेक्षित हैं, पार्टी के मीटिंग में ही जिम्मेदार कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को नहीं बुलाया जाता।
हाल ही में इस जिले के सर्किट हाउस में हुए जीते-हारे कांग्रेसी पार्षदों की बैठक की बात करें या एक बड़े होटल में आयोजित प्रशिक्षण शिविर की,,,यहाँ कई वार्ड पदाधिकारियों को नहीं बुलाया गया, जिसके चलते वार्डवासियों और कार्यकर्ताओं में भी बेहद आक्रोश हैं, प्रदेश कांग्रेस के बड़े पदाधिकारी ने प्रशिक्षण शिविर में अपनी नाराजगी भी दिखाई। ऐसे में शहरीय नेतृत्व सहित कुछ टॉप के नेताओं पर सवाल उठना लाजमी हैं, क्या वे किसी जमीन दलाल भूमाफिया नेता के इशारे पर अपनी राजनीतिक दिनचर्या संपन्न कर रहे हैं या लंबी रकम लेकर उसके आगे पीछे, दिन-रात अपनी गुलामी की सेवा दे रहे हैं,,,यह विचारणीय हैं ? पूरा शहर व जिला जिस भूमाफिया जनप्रतिनिधि के खिलाफ हो बावजूद इसके कुछ स्वार्थी नेता, पदाधिकारी उनके तलवे चाटने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे, इनमें से कुछ बड़े पदाधिकारी व नेतागण भी हैं। बहरहाल कांग्रेस के उपेक्षित कार्यकर्ताओं ने विधानसभा चुनाव सहित अन्य चुनावों में ऐसे नेताओं को सबक सिखाने की बात कही हैं। जबकि मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के लिए एक-एक विधानसभा बहुत ही महत्वपूर्ण हैं ऐसे में अब देखना हैं कि इस जिले की प्रभारी, कांग्रेसी नेता और जनप्रतिनिधि भुपेश बघेल के भरोसे को कायम रख पाते हैं या नहीं ? शहरीय क्षेत्र की बात करें तो जनता का कहना हैं कि यहां नगर पालिका के विवादित, भ्रष्ट और तानाशाह अध्यक्ष की वजह से कांग्रेस की स्थिति बहुत ही खराब हो गई
हैं, प्रदेश कांग्रेस चाहे तो इसमें गुप्त सर्वे करा सकती हैं। इस विवादित नगर पालिका अध्यक्ष और हो रहे भ्रष्टाचार और भूमाफियाओं के आतंक ने जनता के मन में कांग्रेस के लिए नफरत पैदा कर दी हैं, जिसका परिणाम विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता हैं।