खंडवा
किशोरी से दुष्कर्म के एक मामले में डीएनए रिपोर्ट सजा का आधार बनी। प्रेमिका ने प्रेमी का समर्थन करते दुष्कर्म की घटना से इंकार किया था लेकिन डीएनए रिपोर्ट पाजीटिव होने से दोष सिद्ध हो गया और दुष्कर्म युवक अभय सिंह को बीस साल की सजा दी गई।
यह फैसला विशेष न्यायालय पाक्सो न्यायाधीश प्राची पटेल ने दिया। युवक को सश्रम कारावास से दंडित किया गया है। मामला पिपलौद थाना क्षेत्र के ग्राम लुन्हार का है। अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी हरिप्रसाद बांके ने बताया कि घटना 28 जून 2019 की है। इस दिन रात करीब आठ बजे 15 वर्षीय किशोरी घर से यह दीर्घशंका दूर करने के लिए निकली थी। इसके बाद वह वापस नहीं आई तो माता-पिता उसकी तलाश में लग गए।
युवक पर दर्ज कराया था अपहरण का केस
गांव और रिश्तेदारों के यहां नहीं मिलने पर अगले दिन पिपलौद थाने में बेटी के लापता होने की जानकारी दी। इसके साथ अज्ञात युवक पर उसे अपहरण कर ले जाने का केस दर्ज करवाया था। 19 जुलाई को अभयसिंह के पास किशोरी मिली थी। पुलिस ने किशोरी को स्वजन के हवाले करने के साथ ही उसके बयान दर्ज किए थे। किशोरी का कहना था कि वह अभय को करीब एक साल से जानती थी। चालीसगांव में मजदूरी कर दोनों साथ रहे रहे थे। इस दौरान अभय ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया।
डीएनए टेस्ट में रिपोर्ट पाजीटिव आई थी
किशोरी के बयान के आधार पर पुलिस ने अभय पर दुष्कर्म की धारा 376 (3) बढाई थी। पुलिस ने किशोरी और आरोपित अभय का डीएनए टेस्ट करवाया था। इसमें जांच रिपोर्ट पाजीटिव आई थी। इस मामले में कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान किशोरी ने अपने प्रेमी का बचाव किया था लेकिन डीएनए जांच रिपोर्ट में यह पुष्टि हुई थी कि उसके साथ अभय ने दुष्कर्म किया था। अभय को सजा दिलाने के लिए यह जांच रिपोर्ट मुख्य आधार बनी। इस मामले में अभियोजन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी रूपेश तमोली ने पैरवी की।