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सी-मार्ट का गिरा प्लास्टर…भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी नगर पालिका…मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के ड्रीम प्रोजेक्ट में जमकर भ्रष्टाचार…हो सकता था बड़ा हादसा…अधिकारियों और ठेकेदार की लापरवाही के चलते भुपेश सरकार की हो रही किरकिरी…दोषियों पर हो FIR…मुख्यमंत्री से शिकायत…

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जिला प्रशासन की लापरवाही और नगर पालिका के भ्रष्टाचार के चलते मुख्यमंत्री की इस योजना को लगा ग्रहण…

मुंगेली/ मुंगेली नगर पालिका ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी हैं, जिसके चलते कई मामलों में नगर पालिका के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज हो चुके हैं साथ ही कइयों को जेल यात्रा भी करनी पड़ी हैं। मुंगेली नगर पालिका के भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की बेशुमार शिकायतें हैं जिसके चलते अब आम जनता का नगर पालिका के प्रति मोहभंग हो गया हैं।
जानकारी के मुताबिक बड़ी लागत से मुंगेली गौरव पथ में सी-मार्ट का निर्माण किया गया था, करीब वर्षभर पहले निर्माण हुए इस सी-मार्ट के भीतर के फॉल सीलिंग का एक बड़ा हिस्सा टूटकर गिर गया, जिसके बाद उसमें लगे बहुत सारे लाईट्स वायर नीचे गिर गए और लटक गए, हालांकि घटना के समय उस स्थान पर कोई मौजूद नहीं था इसीलिए बड़ा हादसा टल गया, इस हादसे में चोट के साथ साथ करेंट लगने की भी संभावना थी। ऐसे में नगर पालिका पर सवाल उठता हैं कि क्या वह भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की बजाय बार-बार उसे दोहराए क्यों रही हैं ? मुंगेलीवासियों का कहना हैं कि जब से नगर पालिका में कांग्रेस का अध्यक्ष बना हैं तब से नगर की स्थिति और भी ज्यादा दयनीय हो गई हैं, नगर विकास के बजाय विनाश की ओर अग्रसर हो रहा हैं, कांग्रेस सरकार होने और कांग्रेस के ही नपा अध्यक्ष होने के बाद भी मुंगेली की जनता खुद को ठगा महसूस कर रही हैं, मुंगेलीवासियों ने आगे कहा कि नगर पालिका में भ्रष्टाचार चरम पर हैं जिसका उदाहरण सी-मार्ट के भीतर के गिरे फॉल सीलिंग के प्लास्टर छज्जे, नंदी चौक से सिंधी कालोनी तक के सड़क निर्माण, बालानी चौक से नरेंद्र मेडिकल तक सड़क निर्माण में भारी भ्रष्टाचार की गई हैं, जिसे स्वयं जाकर देखा जा सकता हैं, आम जनता के आक्रोश से ऐसा लग रहा हैं कि वह अपना आक्रोश विधानसभा चुनाव में निकालेगी।
आपको बता दे कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की योजना थी कि सभी जिलों में सी-मार्ट स्थापित किए जाएं।मुख्यमंत्री ने सी-मार्ट की स्थापना के लिए तुरंत ही काम शुरू करने अधिकारियों को निर्देशित किया था।इसके लिए किसी शासकीय भवन का उपयोग करने का भी निर्देश दिया गया था, यह भी कहा गया था कि जिन स्थानों में यदि उपयुक्त भवन उपलब्ध न हो, वहां कलेक्टर, उद्योग विभाग अथवा वन विभाग को अच्छी लोकेशन में आवश्यकतानुसार भूमि आबंटित किया जाए। मुख्यमंत्री ने सी-मार्ट के लिए उपलब्ध भवनों के अपग्रेडेशन अथवा नए भवन के निर्माण हेतु विभिन्न योजनाओं की विभागीय राशि, CSIDC अथवा लघु वनोपज संघ की राशि उपयोग करने को कहा था। सी-मार्ट के निर्माण एवं संचालन हेतु अतिरिक्त राशि की आवश्यकता होने पर उपलब्ध कराने की बात भी मुख्यमंत्री ने कही थी।मुख्यमंत्री भुपेश बघेल द्वारा राज्य में आधुनिक रूप से शोरूम को स्थापित करने और उद्यमियों को लाभ पहुचानें के लिए C-mart योजना शुरू किया गया था, जिसके अंतर्गत विभिन्न उद्यमियों के उत्पादों को एक ही छत के नीचे विक्रय की व्यवस्था को सुनिश्चित किया गया हैं जिसमें महिला स्वयं सहायता समूहों, शिल्पियों, बुनकरों, दस्तकरों, कुम्भकरों अथवा अन्य पारंपरिक एवं कुटीर उद्योगों द्वारा निर्मित उत्पादों का विक्रय किया जा रहा हैं, जिससे इन कारीगरों को अपने उत्पाद को बेचने में आसानी हो रही हैं और कारीगरों के उत्पाद की बिक्री करने के लिए मुंगेली जिला मुख्यालय में इसकी स्थापना की गई हैं। परंतु जिला प्रशासन की लापरवाही और नगर पालिका के भ्रष्टाचार के चलते मुख्यमंत्री की इस योजना को ग्रहण लगते दिख रहा हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुंगेली में गौरव पथ पर दानदाता रामानुज देवांगन की जमीन पर बने रामानुज स्कूल को तोड़कर वहां विशाल व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स बनाया गया था, सी-मार्ट योजना आते ही इसी कॉम्प्लेक्स का बड़ी लागत से मरम्मत, साजसज्जा कर सी-मार्ट बना दिया गया, परंतु नगर पालिका के अधिकारियों और ठेकेदार ने यहाँ निर्माण, मरम्मत में धांधली करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जिसका उदाहरण हमें देखने को मिला, सी-मार्ट के भीतर का बड़ा हिस्सा फॉल सीलिंग का गिर गया और बाकी फॉल सीलिंग भी टेढ़े मेढे हैं, ऊपर-नीचे हैं, जिसे देखने से ही लगता हैं कि भ्रष्टाचार किया गया हैं, अब सवाल यह उठता हैं कि मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट सी-मार्ट के निर्माण भवन को लेकर तत्कालीन कलेक्टर व नगर पालिका के अधिकारी गंभीर क्यों नहीं थे ? क्या सी-मार्ट में हुए सभी कार्यो का मूल्यांकन, निरीक्षण, सत्यापन सही तरीके से किया गया ? ठेकेदार को कितने का भुगतान हुआ ? अब इस मामले में मुख्यमंत्री से शिकायत कर दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग करने की जानकारी मिली हैं।