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‘तालाब’ मामले में छिपाई जानकारी…संयुक्त कलेक्टर को नोटिस जारी…अर्थदंड और अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी…भूमाफियों से मिलीभगत की आशंका…?

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रायपुर-मुंगेली/ मुंगेली के दाउपारा बिलासपुर रोड स्थित तालाब के संबंध में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी न देने व सुनवाई में उपस्थित न होने पर छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग ने मुंगेली कलेक्टर कार्यालय के जनसूचना अधिकारी को नोटिस जारी किया हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आवेदक स्वतंत्र तिवारी द्वारा दिनांक 31/01/2022 को मुंगेली कलेक्टर कार्यालय के जनसूचना अधिकारी को सूचना के अधिकार के तहत बिलासपुर रोड स्थित तालाब के संबंध में जानकारी मांगी गई थी, निर्धारित समय में जानकारी न देने पर दिनांक 10/03/2022 को प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष की गई, उसके बाद भी आवेदक को जानकारी नहीं दी गई, जिसके बाद अपीलार्थी ने दिनांक 17/05/2022 को छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के समक्ष द्वितीय अपील की गई, जिसके बाद राज्य सूचना आयोग द्वारा दिनांक 20 मार्च 2023 को सुनवाई रखा गया था।छ.ग. राज्य सूचना आयोग, नवा रायपुर अटल नगर अपील प्रकरण क्रमांक A/2518/2022- दिनांक 20.03.2023 की सुनवाई में वीसी के माध्यम से हुआ जिसमें अपीलार्थी स्वतंत्र तिवारी उपस्थित हुए और जनसूचना अधिकारी कलेक्टर कार्यालय मुंगेली अनुपस्थित रहे और जवाब भी नहीं दिया गया।
जिसके बाद छग राज्य सूचना आयोग ने आदेश पत्रिका जारी करते हुए कहा कि जनसूचना अधिकारी कार्यालय कलेक्टर मुंगेली जिला मुंगेली के द्वारा अधिनियम की धारा 7 ( 1 ) का उल्लंघन किया जाना प्रथम दृष्टया प्रमाणित है । अतः सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20 (1) के तहत जन सूचना अधिकारी कार्यालय कलेक्टर मुंगेली जिला मुंगेली के विरूद्ध आवेदक के मूल आवेदन पर समय सीमा में कोई कार्यवाही नहीं करने, आवेदक को जानकारी से वंचित रखने के लिये कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जावे कि क्यों न उन पर 250 रू प्रतिदिन के हिसाब से अधिकतम 25000 रू का अर्थदंड अधिरोपित किया जावे। साथ ही प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेश के पालन में आवेदक को कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के लिये सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(2) के तहत क्यों न उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने हेतु उनके वरिष्ठ अधिकारी को अनुशंसा की जावे। छग राज्य सूचना आयोग ने जन सूचना अधिकारी को अपना लिखित जवाब आयोग की आगामी पेशी के पूर्व आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने आदेशित किया हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिकांशतः मुंगेली कलेक्टर कार्यालय में संयुक्त/डिप्टी कलेक्टर को ही कलेक्टर कार्यालय मुंगेली का जनसूचना अधिकारी नियुक्त किया जाता हैं। जानकारों की माने तो मुंगेली कलेक्टर कार्यालय में सूचना के अधिकार अधिनियम की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं, जिसके चलते अधिकांश लोग जानकारी से वंचित रह जाते हैं, समय पर जानकारी न देने से संबंधित अधिकारियों की कार्यशैली पर संदेह उठना स्वाभाविक हैं। बताया जा रहा हैं कि जो जानकारी तालाब के संबंध में मांगी गई हैं वह जनहित और आम निस्तार से संबंधित हैं जिसकी जानकारी नहीं दी गई जिसके चलते मामले से जुड़े अधिकारियों पर भूमाफियाओं को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से जानकारी छिपाने के आरोप भी लग रहे हैं, क्योंकि जिस तालाब की जानकारी मांगी गई हैं अभी वर्तमान में वहां बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग किया गया हैं, जो नियम विरुद्ध हैं, इस संबंध में आगामी अंक में खुलासा किया जाएगा।