रायपुर
राज्य में खरीफ फसलों की छुट-पुट बोनी शुरू हो चुकी है। इस साल खरीफ रकबे में लगभग एक लाख हेक्टेयर की वृद्धि का लक्ष्य है। बीते खरीफ में राज्य में 47 लाख 18 हजार हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बोनी की गई थी, जिसे इस साल बढ़ाकर 48 लाख 20 हजार हेक्टेयर करने का लक्ष्य है। धान का रकबा 39 लाख हेक्टेयर से घटाकर 36 लाख हेक्टेयर कर इसके बदले मिलेट्स, दलहन, तिलहन की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। अन्य फसलों की खेती के रकबे में बीते साल की तुलना में भी लगभग एक लाख हेक्टेयर की वृद्धि की जाएगी।
राज्य में खरीफ वर्ष 2023 में फसलवार खेती के लिए निर्धारित लक्ष्य के अनुसार राज्य में बोता धान की खेती में 3 लाख 14 हजार हेक्टेयर की कमी तथा धान रोपा के रकबे में लगभग 15 हजार हेक्टेयर की वृद्धि किया जाना है। मक्का के रकबे को एक लाख 92 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 2 लाख 40 हजार हेक्टेयर, मिलेट्स (कोदो-कुटकी, रागी) के रकबे को 96 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर एक लाख 60 हजार हेक्टेयर किया जाने का लक्ष्य है। इसी तरह अरहर और उड़द के रकबे में 50-50 हजार हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी कर इनके रकबे को क्रमश: एक लाख 40 हजार हेक्टेयर और एक लाख 70 हजार हेक्टेयर में किया जाना है। दलहनी फसलों के रकबे में भी 83 हजार हेक्टेयर की वृद्धि कर 2 लाख 9 हजार हेक्टेयर में इनकी बोनी का लक्ष्य निर्धारित है। अनाज, दलहनी, तिलहनी फसलों के अलावा राज्य में अन्य फसलों की खेती के रकबा एक लाख 57 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 2 लाख 50 हजार हेक्टेयर किया जाना है।
खरीफ फसलों के लिए राज्य के किसानों को खाद-बीज समय पर उपलब्ध हों इसको लेकर कृषि विभाग द्वारा व्यापक तैयारियां पहले से ही की जा रही है। डबल लॉक एवं सहकारी समितियों में खाद-बीज का भण्डारण कराए जाने के साथ इनका वितरण भी किसानों को किया जा रहा है। राज्य में इस साल 12.19 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक की आवश्यकता को देखते हुए अब तक 10.08 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का सहकारी एवं निजी क्षेत्रों में भण्डारण किया जा चुका है। किसानों को खरीफ फसलों के लिए पौने चार लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का वितरण भी किया जा चुका है, जो कि उर्वरक भण्डारण का लगभग 37 प्रतिशत है।
खरीफ सीजन 2023 के लिए 10.18 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए इसका तेजी से भण्डारण एवं किसानों की डिमांड के अनुसार वितरण भी किया जा रहा है। राज्य में 4.12 लाख क्विंटल बीज का भण्डारण कर अब तक किसानों को 1.04 लाख क्विंटल बीज का वितरण किया जा चुका है, जो बीज भण्डारण का 25 प्रतिशत है।