ठाणे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य सरकार द्वारा तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) न्यास को आवंटित 10 एकड़ भूमि पर निर्मित हो रहे मंदिर का बुधवार को ‘भूमि पूजन’ किया।
टीटीडी तिरुपति में तिरुमला पर स्थित प्राचीन भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर का संचालन करता है।
टीटीडी न्यास के एक अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने नवी मुंबई में उलवे में भगवान बालाजी के मंदिर के लिए 10 एकड़ जमीन आवंटित की है। यह तिरुमला के मंदिर की प्रतिकृति होगी।
बुधवार को ‘भूमि पूजन’ के दौरान उपस्थित लोगों में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, रेमंड कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक गौतम सिंघानिया, टीटीडी न्यास बोर्ड के अध्यक्ष वाई. वी. सुब्बा रेड्डी और इसके कार्यकारी अधिकारी ए. वी. धर्मा रेड्डी शामिल थे।
सुब्बा रेड्डी ने कहा कि मंदिर 70 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा और सिंघानिया पूरे खर्च को वहन करेंगे तथा निर्माण दो साल के भीतर पूरा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के अनुरोध के बाद आंध्र प्रदेश में उनके समकक्ष वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी ने टीटीडी से तिरुमला की तर्ज पर भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर बनाने के लिए कहा था।
टीटीडी बोर्ड के अध्यक्ष ने मंदिर के उद्देश्य से जमीन आवंटित करने की पहल करने के लिए मुख्यमंत्री शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे का धन्यवाद किया।
शिंदे ने अपने संबोधन में कहा कि मंदिर उन हजारों श्रद्धालुओं की आकांक्षाओं को पूरा करने का माध्यम बनेगा जो तिरुमला जाना चाहते हैं लेकिन किन्हीं कारणों से वहां नहीं जा पाते।
उन्होंने मंदिर के लिए राज्य सरकार से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
शिंदे ने कहा कि उपमुख्यमंत्री फडणवीस को केंद्र से मंदिर परियोजना के लिए कुछ आवश्यक मंजूरी मिल गई है। उन्होंने कहा, ”सभी बाधाएं दूर हो गई हैं और आज खुशी का दिन है।”
सिंघानिया ने अपने संबोधन में कहा कि जो लोग तिरुपति नहीं जा पा रहे हैं उन्हें अब इस मंदिर में दर्शन करने का अवसर मिलेगा।
उन्होंने उम्मीद जताई कि मंदिर नवी मुंबई की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।