मुजफ्फरनगर
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की रहने वाली 70 साल की एक महिला अपने आपको जिंदा प्रमाणित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही है। महिला का आरोप है कि उसकी बेटी और दामाद ने पांच बीघा जमीन के लिए उसे मरा दिखा दिया। इसके बाद से ही वह अपने जिंदा होने का सबूत लेकर सरकारी बाबुओं के पास भटक रही है लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही। बुजुर्ग महिला का आरोप है कि उसकी बेटी और दामाद उसके साथ गाली-गलौज भी करते हैं और उसे खाना भी नहीं देते। उन्होंने बैंक में जमा उसके गहने भी अपने कब्जे में ले लिया है। महिला ने पटवारी पर रिश्वत लेकर बेटी-दामाद का साथ देने का आरोप भी लगाया है।
मुजफ्फरनगर जिले के तंधेरा की रहने वाली 70 साल की शांति देवी ने बताया कि उनके पति बाबूराम की 8 साल पहले मौत हो चुकी है। उनके पास 28 बीघा खेत था। इसमें 23 बीघा खेत उन्होंने अपनी बेटी औऱ दामाद के नाम पर कर दिया था। महिला ने बताया कि बाबूराम ने मेरे लिए भी पांच बीघा जमीन और एक घर छोड़ दिया था लेकिन मेरी बेटी और दामाद ने सरकारी रिकॉर्ड में मुझे मरा दिखाकर धोखे से खेत और घर दोनों पर कब्जा कर लिया।
शांति देवी ने कहा कि बेटी और दामाद दोनों मुझे परेशान करते हैं और मुझे घर से बाहर निकालना चाहते हैं। वे दोनों मुझे खाना भी नहीं देते। उन्होंने बताया कि ‘सरकारी कागज में अपने आपको जिंदा दिखाने के लिए मैं 8 साल से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही हूं लेकिन कोई फायदा नहीं। मेरे पति ने अपने बैंक खाते में कुछ नकदी भी छोड़ दी थी। बेटी और दामाद ने उसे भी निकाल लिया।’
शांति देवी ने दावा किया कि क्षेत्र के पटवारी ने इस मामले में आरोपियों का साथ दिया। रिश्वत लेकर दामाद और बेटी की मदद की। इस संबंध में उन्होंने तहसीलदार की अदालत में शिकायत भी दर्ज कराई है। शांति देवी शनिवार को तहसील पर समाधान दिवस के शिकायत शिविर में पहुंची थीं और उन्होंने अधिकारियों के सामने एक बार फिर अपने जीवित होने का सर्टिफिकेट देने की गुहार लगाई।