नई दिल्ली
इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के निकाय एसएमईवी ने कहा कि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की सब्सिडी में अचानक कमी से भारी नुकसान हो सकता है।
निकाय ने कहा कि इससे ईवी अपनाने में बड़ी गिरावट हो सकती है और पूरा उद्योग लंबे समय के लिए प्रभावित हो सकता है।
हालांकि, दूसरी ओर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षेत्र में स्टार्टअप कंपनियों ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि यह ईवी उद्योग के लिए अपने दम पर खड़े होने का समय है।
सरकार ने सोमवार को इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर लागू फेम-2 (भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण और उन्हें तेजी से अपनाना) योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी को कम कर दिया था।
यह फैसला एक जून 2023 को या उसके बाद पंजीकृत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर लागू होगा। भारी उद्योग मंत्रालय ने इन परिवर्तनों को अधिसूचित किया है। इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए मांग प्रोत्साहन 10,000 रुपये प्रति किलोवाट घंटा होगा।
सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (एसएमईवी) के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने बदलावों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ”सब्सिडी में अचानक कमी से ईवी अपनाने में बड़ी गिरावट आ सकती है, जिससे पूरे उद्योग पर काफी समय तक असर पड़ेगा।”
उन्होंने कहा कि जमीनी हकीकत यह है कि भारतीय बाजार कीमत के प्रति संवेदनशील बना हुआ है। ज्यादातर पेट्रोल दोपहिया वाहनों की कीमत एक लाख रुपये से कम है, और इसलिए इलेक्ट्रिक वाहन पर 1.5 लाख रुपये से अधिक खर्च करने की संभावना कम है।
गिल ने हालांकि कहा कि भारी उद्योग मंत्रालय ने कुछ महीने पहले ही सब्सिडी कम करने का संकेत दे दिया था।
दूसरी ओर, वोल्टअप के सह-संस्थापक और सीईओ सिद्धार्थ काबरा ने फेम सब्सिडी में कमी का स्वागत किया और कहा कि अब उद्योग के लिए अपने पैरों पर खड़ा होने का वक्त है।
उन्होंने उद्योग और सरकार से एक सुसंगत बुनियादी ढांचा विकास नीति बनाने की दिशा में काम करने का भी आह्वान किया।
एसजेवीएन को चौथी तिमाही में 17 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एसजेवीएन ने बताया कि बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में उसका एकीकृत शुद्ध लाभ दोगुना से अधिक होकर 17.21 करोड़ रुपये रहा।
कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि इससे पिछले वित्त वर्ष (2021-22) की जनवरी-मार्च तिमाही में उसने 7.49 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था।
समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी की कुल आय सालाना आधार पर 393.87 करोड़ रुपये से बढ़कर 582.78 करोड़ रुपये हो गई।
कंपनी के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए प्रत्येक 10 रुपये के शेयर पर 0.62 रुपये के अंतिम लाभांश को भी मंजूरी दी है।