बालाघाट। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि भारत सरकार जल्द ही डिजिटल एग्रीकल्चर योजना ला रही है, जिससे खेती का पूरा रिकॉर्ड डिजिटल हो जायेगा। उन्होंने बताया कि सेटेलाईट के उपयोग से इस योजना के तहत खेती की पूरी जानकारी ऑनलाइन हो जायेगी। जिसमें खेतों की जियो टेगिंग की जायेगी। खेती को आधार कार्ड से लिंक, बैंक से लिंक और योजनाओं से लिंक किया जायेगा। चूंकि देश में अभी खेती की पैदावार का पूरा आंकड़ा नहीं है। इस योजना से ना केवल पैदावार का रिकॉर्ड होगा बल्कि राज्य अनुसार पैदावार की जानकारी भी होगी।
बालाघाट के वारासिवनी क्षेत्र अंतर्गत मुरझड़ में राजाभोज कृषि महाविद्यालय में आयोजित विश्व मधुमक्खी दिवस कार्यक्रम में शामिल होने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर बालाघाट पहुंचे थे। कार्यक्रम से पूर्व बालाघाट में आयोजित प्रेसवार्ता में तोमर ने कहा कि डिजिटल एग्रीकल्चर योजना से किसानों को बैंक में लोन के लिए नो-ड्यूज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। ओला और पाला प्रभावित किसानों का सेटेलाईट से सर्वे होने से किसी किसान के साथ भेदभाव जैसी स्थिति नहीं होगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि देश कृषि प्रधान देश रहा है, कृषि और किसान मोदी जी की प्राथमिकता में हमेशा से रहे हैं । जिसके चलते तत्कालीन कांग्रेस सरकार में जो कृषि का बजट था, उसकी अपेक्षा मोदी सरकार में कृषि बजट एक लाख 25 हजार करोड़ किया गया है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार कृषि क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रही है, तोमर ने कहा – मध्य प्रदेश कृषि के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है ये कहा जायें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। जिसके चलते निरंतर रूप से प्रदेश की कृषि ग्रोथ 18 प्रतिशत है।
कृषि मंत्री ने कहा कि भारत सरकार शहद के उत्पादन को बढ़ाने के लिए तेजी से काम कर रही है। भारत से शहद निर्यात भी बढ़ा है। शहद उत्पादन अर्थव्यवस्था और रोजगार के दृष्टिकोण से नया आयाम साबित हो रहा है। बालाघाट का वातावरण मधुमक्खी पालन के लिए मुफीद है और यहां भी मधुमक्खी पालन से शहद के क्षेत्र में किसान बेहतर कार्य कर सकते है। उन्होंने कहा कि एफपीओ के माध्यम से किसानों को संयुक्त रूप से आगे बढ़ाने का काम मोदी सरकार कर रही है, शहद में भी एफपीओ के माध्यम से कार्य किया जाता है, तो सरकार उनकी पूरी मदद करेगी।
उन्होंने बताया कि मोदी सरकार ने फसलों के दाम दोगुना करने का काम किया है। पीएम सम्मान निधि के माध्यम से देश के साढ़े 11 हजार करोड़ किसानों के खाते में सिंगल क्लिक से अब तक ढाई लाख करोड़ रूपये किसानों को दिये गये है। जिससे किसानों को खेती के लिए साहूकारों से कर्ज लेने से मुक्ति मिली है।