खरगोन। मध्य-प्रदेश के खरगोन में हुए बस हादसे के बाद जिला प्रशासन का गुस्सा रेत खदान संचालकों को भुगतना पड़ रहा है। पुलिस ने अभियान चलाकर खनन में लगे वाहनों पर कार्रवाई की है। इसके बाद रेत खदान संचालकों ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि रॉयल्टी देने के बाद भी ओवरलोडिंग के नाम पर पुलिस उनके खिलाफ धारा 379 के तहत चोरी का प्रकरण दर्ज कर रही है। पुलिस को यह अधिकार है ही नहीं। रेत खदान संचालकों ने लामबंद होकर काम बंद कर दिया है।
खदान संचालक कलेक्टर ऑफिस में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देने पहुंचे। इस दौरान उनकी एसडीएम खरगोन एसडीएम ओम नारायण सिंह के साथ गहमागहमी भी हो गई। खदान संचालकों ने दो दिन से काम बंद कर रखा है। इससे शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। कई लोगों के बेरोजगार होने की भी आशंका है। खदान संचालकों का कहना है कि उन पर होने वाली कार्रवाई नहीं रुकी तो वह मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। खदान संचालकों ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर अपना विरोध दर्ज कराया है। खरगोन जिले में पुलिस अभियान चलाकर वाहनों पर कार्रवाई कर रही है। इसमें रेत खदान संचालकों का कहना है कि पुलिस प्रशासन द्वारा वैध रायल्टी वाली गाड़ियों पर ओवरलोडिंग के नाम पर धारा 379 अंतर्गत चोरी के प्रकरण दर्ज किए जा रहे हैं। यह अनुचित है। संचालकों ने इस संबंध में कलेक्टर को आवेदन देकर समस्या का स्थायी समाधान कराने की मांग भी की।
पेपर पूरे थे, फिर भी पुलिस ने पकड़ा
खदान संचालक अमित भावसार का आरोप है कि उनकी एक गिट्टी से भरी हुई गाडी को, जिसके पेपर भी कम्प्लीट थे, पुलिस ने पकड़ लिया। उसमे 20 मीटर गिट्टी की रॉयल्टी भी थी। पुलिस ने गाड़ी का वजन कराया। क्षमता से अधिक माल होने की बात कहकर मोटर व्हीकल एक्ट में कार्रवाई करने के बजाय धारा 379 के अंतर्गत चोरी का मामला दर्ज कर लिया। गाडी के ड्राइवर को जेल भेज दिया। पुलिस के पास इस कार्रवाई का कोई आधार नहीं था। खनिज के नियमों में उल्लेख है कि पुलिस सीधे तौर पर कोई कार्यवाही नहीं करेगी। वह राजस्व या खनिज विभाग के माध्यम से कार्यवाही करेगी, जिसके उलट यहां पुलिस ने सीधे ही चोरी का मामला बनाकर ड्राइवर को जेल भेज दिया।
खरगोन में पांच करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित
पिछले दो दिन से खरगोन में रेत और गिट्टी खदानें बंद हैं। इससे खरगोन जिले में चार से पांच करोड़ रुपये का रेत और गिट्टी का कारोबार प्रभावित हुआ है। काम बंद होने से खदान में काम करने वाले मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। रेत ठेकेदारों की मांग है कि जिस तरह पूरे प्रदेश में रेत के ठेके संचालित किए जा रहे हैं, उसी तरह यहां भी हम भी नियमानुसार खनन कर रहे हैं। रॉयल्टी अदा कर रहे हैं। उसके बाद भी हम पर चोरी का केस बनेगा तो काम ही बंद करना पड़ेगा।
कलेक्टर परिसर में धारा 144 लगी थी, कार्रवाई नियमानुसार
एसडीएम ने बताया कि खनिज से जुड़ा हुआ मामला है। ये लोग कलेक्टर परिसर में एकत्रित हुए थे। चूंकि, कलेक्टर परिसर में धारा 144 लगी हुई है इसलिए मैं वहां पहुंचा था। कोई भी ज्ञापन विधि अनुसार दे सकते हैं। ओवरलोडिंग के मामले में खनीज अधिकारी जांच करेंगे। अभी एक दुर्घटना घटी है जिसके बाद सभी की एक मीटिंग हुई थी। इसमें निर्णय लिया गया था कि कोई भी ऐसा वाहन जो ओवरलोड हो उसे रोककर कार्यवाही करना है। खदानें बंद करना या चालू रखना ये खदान संचालकों का व्यक्तिगत मुद्दा है। हम लोग शासन के नियमों का पालन करवा रहे हैं।