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मेयर पद के लिए बीजेपी ने 14 नए चेहरों पर किया भरोसा, जानिए क्या था सीएम योगी का फार्मूल

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लखनऊ। यूपी नगर निगम चुनाव में शनिवार 13 मई को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने नया इतिहास रच दिया। बीजेपी ने 17 नगर निगम के मेयर पदों पर भगवा लहरा दिया है। कुछ सीटों पर तो बीजेपी ने विपक्ष को 1 लाख से ज्यादा वोटों के अंतराल से हराया है। बता दें कि मेयर पद पर समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस पार्टी अपना खाता तक नहीं खोल सकी। मेयर पद की 17 सीटों पर चुनाव जीतने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता को धन्यदाव दिया और राज्य में ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने के लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं को भी बधाई दी। बता दें, मेयर पद पर बीजेपी ने 14 नए चेहरों पर दांव लगाया था। वहीं, कानपुर नगर की प्रमिला पांडेय, बरेली के उमेश गौतम और मुरादाबाद के विनोद अग्रावल को दोबार मौका दिया था। बीजेपी ने जीन तीन प्रत्याशियों को दोबारा मौका दिया था वो मेयर पद का चुनाव जीतने में सफल रहे।
वहीं, पहली बार बने शाहजहांपुर नगर निगम में भी बीजेपी ने कमाल कर दिया। यहां भी पहला नागरिक बनने का गौरव बीजेपी उम्मीदवार अर्चना वर्मा को मिला। बता दें, 2017 के मेयर पद चुनाव के समय यूपी में 16 सीटे थीं, जिनमें से बीजेपी ने 14 सीटों पर जीत हासिल की थी। मेरठ, अलीगढ़ पर बीएसपी ने कब्जा किया था। लेकिन, 2023 के चुनाव में सीएम योगी ने पुरानी सीटों पर रणनीति को कायम रखते हुए शहाजहांपुर सीट को किसी भी तरह जीतने के लिए नई रणनीति बनाई थी। वहीं, माइक्रो मैनेजमेंट करते हुए योगी सरकार के मंत्रियों और पार्टी के पदाधिकारियों को अलग-अलग नगर निगम और नगर पालिका परिषद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
इसकी नतीजा यह हुआ कि पार्टी 17 मेयर पदों पर चुनाव जीत गई। बता दें कि पार्टी ने लखनऊ महापौर पद समेत 14 नए चेहरे पर दांव लगा था। जिसमें लखनऊ महापौर से सुषमा खर्कवाल भी शामिल है। सुषमा खर्कवाल ने नगर निगम के चुनाव में लखनऊ के महापौर पद पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (सपा) की वंदना मिश्रा को पराजित कर दिया।
बीजेपी की सुषमा खर्कवाल को 5,02,660 वोट मिली। तो वहीं, सपा की वंदना मिश्रा को 2,98,519 वोटों के साथ ही संतोष करना पड़ा। वाराणसी नगर निगम के महापौर सीट पर बीजेपी के अशोक तिवारी ने सपा के ओ पी सिंह को पराजित किया। तिवारी को 2,91,852 मत मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के ओ पी सिंह ने 1,58,715 मत हासिल किए। गोरखपुर में बीजेपी के डॉक्टर मंगलेश श्रीवास्तव ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा की काजल निषाद को पराजित किया। श्रीवास्तव को कुल 1,80,629 मत मिले, जबकि निषाद को 1,19,753 मत मिले। अयोध्या में बीजेपी के गिरीश पति त्रिपाठी ने 77,494 मतों के साथ महापौर का चुनाव जीता।
उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और सपा प्रत्याशी आशीष को 35,638 मतों के अंतर से हराया। आशीष को 41,856 वोट प्राप्त हुए। वहीं, कानपुर नगर में बीजेपी की प्रमिला पांडेय ने 4,40,353 मत पाकर अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा की वंदना वाजपेयी को पराजित किया। वंदना को 2,62,507 मत मिले। झांसी मेयर सीट पर बीजेपी के बिहारी लाल आर्य ने 1,23,503 वोट हासिल किए और कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अरविंद कुमार को 83,587 मतों के अंतर से हराया। बरेली में बीजेपी के उमेश गौतम ने 1.67 लाख से अधिक मत प्राप्त कर निर्दलीय उम्मीदवार इकबाल सिंह तोमर को 56,343 मतों के अंतर से हराया।
बता दें, उमेश गौतम को बीजेपी ने इस सीट पर दोबारा मौका दिया था और वह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। वहीं, मथुरा-वृंदावन में भी बीजेपी उम्मीदवार विनोद कुमार अग्रवाल ने 1.45 लाख से अधिक वोट हासिल किए और बसपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजा मोहतसिम अहमद को 1.10 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया।
अगर मुरादाबाद सीट की बात करें तो बीजेपी के विनोद अग्रवाल ने कांग्रेस के मोहम्मद रिजवान को 3,642 वोटों के अंतर से हराया। इसी प्रकार सहारनपुर में बीजेपी के अजय कुमार ने बसपा की खदीजा मसूद को 8031 मतों के अंतर से हराया।