भोपाल। भोपाल जिले के दस सरकारी स्कूलों के परिसरों में ग्रामीणों, अज्ञात व्यक्तियों व नगर निगम भोपाल द्वारा अतिक्रमण कर स्कूल की भूमि पर कब्जा कर कहीं पर मकान तो कहीं पार्क बना दिये जाने के मामले में मानवाधिकार आयोग ने स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी से मामलों की जांच कराकर एक माह में जवाब मांगा है।
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग केअध्यक्ष मनोहर ममतानी एवं सदस्य राजीव कुमार टंडन ने स्वत: संज्ञान लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है। आयोग ने कुल ग्यारह मामलों में विभिन्न सरकारी महकमों प्रमुख सचिव, संचालक, कमिश्नर और अन्य अफसरों से जवाब मांगा है।
भोपाल शहर में बिना रजिस्ट्रेशन कराये फर्जी मार्क के बोतल बंद पानी बेचने वाले लोगों द्वारा बीआईएस (ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड) और एफएसएसएआई के मानकों का घोर उल्लंघन किये जाने संबंधी एक इन-डेप्थ मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन किराना दुकान के नाम पर करा रखा है और बोतल बंद पानी बिना किसी मार्क के बेच रहे हैं।
मामले में आयोग ने प्रमुख सचिव, मप्र शासन, खाद्य , नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, मंत्रालय, भोपाल तथा संचालक, संचालनालय खाद्य सुरक्षा/नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में एक माह में जवाब मांगा है।
मप्र मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर के निशातपुरा क्षेत्र में हाईटेंशन पावर लाईन की चपेट में आने से नौ साल के एक बच्चे शिवम अहिरवार की मौत हो जाने के मामले में संज्ञान लिया है। गोया कालोनी, निशातपुरा, भोपाल निवासी निजी काम करने वाले मालूम अहिरवार का पुत्र शिवम एक मई की शाम हो रही बारिश के दौरान घर की छत पर गया था, इसी दौरान वह हाईटेंशन पावर लाईन की चपेट में आ गया। एम्स अस्पताल में उपचार के दौरान उसने दम तोड दिया।
मामले में आयोग ने मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी), मध्य क्षेत्र विविकंलि, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर मृत बच्चे के वैध वारिसों को देय मुआवजा राशि के संबंध में एक माह में जवाब मांगा है। मप्र मानव अधिकार आयोग ने भोपाल के संत हिरदाराम नगर इलाके में नगर निगम के नलों से मटमैला, बदबूदार, गंदा पानी आने से नागरिक जीवन व स्वास्थ्य से खिलवाड़ किये जाने के मामले में संज्ञान लिया है। मामले में आयोग ने कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही का तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।