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भाषा की सहजता और प्रमाणिकता से ही शिक्षार्जन संभव : उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव

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हिन्दी में लिखित चिकित्सा शास्त्र की पुस्तकों का विमोचन
भोपाल।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भाषा मनुष्य के संस्कार, संचेतना एवं विकास का आधार होती है। भाषा की सहजता एवं प्रमाणिकता के द्वारा ही शिक्षार्जन संभव हो पाता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में मातृभाषा, प्रांतीय भाषा, भारतीय भाषाओं, अनुवाद एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रमों को महत्व दिया जा रहा है। डॉ. यादव मंगलवार को अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय एवं म.प्र. राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम द्वारा आयोजित मातृभाषा हिन्दी में चिकित्सा विज्ञान की पुस्तकों के विमोचन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में चिकित्सा जैसे तकनीकी-व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की पुस्तकों का हिन्दी में लेखन और अनुवाद का कार्य जारी है। म.प्र. हिन्दी ग्रंथ अकादमी एवं अटल बिहारी वाजपयी हिन्दी विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा किया गया यह नवाचार सराहनीय है। डॉ. यादव ने डॉ. गणेशराम मेहर द्वारा लिखित तीन पुस्तकों ‘डायलिसिस तकनीशियन’, “आपरेहान थियेटर तकनीशियन” एवं ‘एक्सरे तकनीशियन’, डॉ. प्रेमचन्द सवर्णकार द्वारा लिखित “परिचयात्मक रोग विकृति विज्ञान और आधुनिक नैदानिक जाँचे”, डॉ. सुरेश तिवारी द्वारा लिखित “पंच कर्म चिकित्सा के आधारभूत सिद्धांत” तथा डॉ. ए.के. द्विवेदी द्वारा लिखित ‘मानव शरीर रचना विज्ञान’ पुस्तक का विमोचन किया।
सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी, संचालक म.प्र. हिन्दी ग्रंथ अकादमी अशोक कडेंल तथा अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. खेमसिंह डहेरिया उपस्थित थे।