दुर्ग। निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के मामले में जिला प्रशासन द्वारा चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई में फिर तेजी लाई जा रही है। इस कड़ी में प्रशासन ने आठ चिटफंड कंपनियों को नोटिस जारी कर सुनवाई के लिए जिला दण्डाधिकारी कार्यालय में उपस्थित होने कहा है। सुनवाई की तिथि 18 मई निर्धारित है।
सुनवाई के लिए 18 मई को उपस्थित होने निर्देश
जिले में छत्तीसगढ़ के निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 10 के अंतर्गत आरोपी कंपनी की संपत्ति को कुर्क किए जाने के लिए कार्रवाई कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी न्यायालय द्वारा की जा रही है। जिसकी सुनवाई तिथि 18 मई को नियत की गई है।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने आरोपित कंपनी संस्कार धानी इंफ्रा हाउसिंग लिमिटेड भिलाई, आरोग्य धनवर्षा डेवलपर्स अलाईड लिमिटेड रजिस्टर्ड आफिस 14/2 विक्रम मार्ग अपोजिट एसएस हास्पिटल फ्रीगंज उज्जैन मध्यप्रदेश, सनराईस क्रेडिट को आपरेटिव सोसायटी लिमिटेड कसारीडीह दुर्ग, अर्थतत्व क्रेडिट को आपरेटिव सोसायटी लिमिटेड रायपुर, आस्था डेव्लपर्स एण्ड कालोनाईजर्स रूंगटा कालेज कुरूद भिलाई,एचबीएन डेयरीस एण्ड एलाईड लिमिटेड नई दिल्ली और साई प्रसाद प्रापर्टीज डेव्हलपमेंट लिमिटेड पणजी गोवा के डायरेक्टर को उक्त तिथि को अपरान्ह 1.30 बजे न्यायालय कलेक्टर दुर्ग में समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करने कोो कहा है। नियत समयावधि में उपस्थित नहीं होने पर बाद में कोई विचार नहीं किया जाएगा।
प्रशासन को मिले हैं पौने दो लाख आवेदन
उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन द्वारा सालभर पहले चिटफंड कंपनी के निवेशकों से आवेदन मंगाया गया था। आवेदन तहसील कार्यालय और ब्लाक मुख्यालयों में लिया गया था। विभिन्न चिटफंड कंपनियों में राशि निवेश करने वाले जिले भर के करीब एक लाख 65 हजार आवेदकों ने आवेदन जमा किया था।
शासन प्रशासन द्वारा निवेशकों को उनकी जमा रकम की वापसी के लिए संबंधित चिटफंड कंपनियों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। लेकिन कुछ चिटफंड कंपनियों के संबंध में प्रशासन अब तक जानकारी नहीं जुटा पाई है। हालाकि इस अवधि में प्रशासन द्वारा शुष्क इंडिया कंपनी के निवेशकों को करीब ढाई करोड़ रुपये लौटाया गया है।