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PM मोदी की रैली और रोड शो से कर्नाटक में बदल रहा माहौल, BJP की जगी उम्मीदें

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बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 10 मई को वोट डाले जाएंगे। इससे पहले जो भी ओपिनियन पोल सामने आ रहे हैं, लगभग सभी में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनती दिख रही है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली और रोड शो में उमड़ी भीड़ से काफी उत्साहित है। पीएम मोदी की लोकप्रिया का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि बेलगावी जिले में बैलहोंगल की ओर जाने वाले एनएच का दो किलोमीटर का हिस्सा वाहनों से भर गया था। अपने प्रधानमंत्री की एक झलक पाने के लिए लोग सड़क के किनारे खेतों में खड़े होकर इंतजार किया। आपको बता दें कि पीएम मोदी बेलहोंगल में एक चुनावी रैली को संबोधित करने पहुंचे थे। इसके आसपास आठ विधानसभा सीटें आती हैं।
बैलहोंगल और बेलगावी के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों ने उनकी एक झलक पाने के लिए बसों का घंटों इंतजार किया। पीएम मोदी की रैली में शामिल होने के लिए कोई 10वीं बार पहुंचा था तो किसी ने एक दिन की छुट्टी ली थी। आपको बता दें कि बेलागवी की 18 विधानसभा सीटों में से 11 पर भाजपा का कब्जा है। इसके अलावा कर्नाटक के उत्तर-पश्चिमी कोने में स्थित यह जिला भगवा पार्टी का गढ़ रहा है। हालांकि स्थानीय उम्मीदवारों और बागियों की लोकप्रियता भाजपा को परेशान कर रही है।
आज भी रोड शो करेंगे प्रधानमंत्री
कर्नाटक में भगवा पार्टी के चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रहे लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री की रैलियों से भाजपा प्रचार जोर पकड़ रहा है। 29 अप्रैल के बाद से पीएम मोदी ने राज्य में 13 जनसभाएं और रोड शो किए हैं। वह आज भी बेंगलुरु में रोड शो करेंगे, जो कि काफी लंबा होगा। पीएम मोदी ने 2018 की तुलना में अधिक जनसभाएं कर रहे हैं। उनके कई भाषणों का हिंदी से कन्नड़ में अनुवाद किया जा रहा है। पीएम मोदी खुद भी मुख्य संदेश देने के लिए कन्नड़ में बोलते दिखे हैं।
भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा
पीएम मोदी की रैली के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं का भी मनोबल बढ़ा है। मोदी की रैलियों में भारी भीड़ का प्रभाव पूरे क्षेत्र पर पड़ता है। तटीय कर्नाटक और आसपास के मलनाड क्षेत्र भाजपा का गढ़ रहा है। इसमें शिवमोग्गा और अन्य जिले शामिल हैं। पीएम मोदी पुराने मैसूर क्षेत्र में भी लगातार आते रहे हैं। उन्होंने हासन और रामनगर में भी रैलियां की हैं। यहां पार्टी का प्रभाव कमजोर रहा है। पुराने मैसूरु के एक जिले कोलार में भाजपा पैठ बनाने की कोशिश कर रही है। यहां 30 अप्रैल को पीएम मोदी की रैली में काफी भीड़ थी।
कर्नाटक के मतदाता लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अलग-अलग तरीके से वोट करते हैं। 1984 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की बड़ी जीत हुई थी, लेकिन कुछ महीने बाद 1985 में जब विधानसभा चुनाव हुए तो जनता पार्टी की सरकार बनी। 2019 में बीजेपी ने मोदी लहर में 28 लोकसभा सीटों में से 25 पर जीत हासिल की थी।