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बेंगलुरु की साहित्यिक संस्था ‘शब्द’ ने दो पुरस्कारों के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित कीं

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बेंगलुरु। देश की सॉफ्टवेयर राजधानी बेंगलुरु के हिंदी रचनाकारों की प्रसिद्ध साहित्यिक संस्था ‘शब्द’ ने उत्कृष्ट साहित्य लेखन तथा हिंदी के संवर्द्धन के लिए शुरू किए गए अपने दो वार्षिक पुरस्कारों के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित की हैं।
इनमें पहला पुरस्कार एक लाख रुपये का ‘अज्ञेय शब्द सृजन सम्मान’ है। यह पुरस्कार हिंदी की किसी भी विधा में अन्यतम लेखन के लिए देश के किन्हीं एक मूर्द्धन्य साहित्यकार को दिया जाता है। दूसरा इक्कीस हजार रुपये का पुरस्कार ‘दक्षिण भारत शब्द हिंदी सेवी सम्मान’ है, जिसे दक्षिण भारत में हिंदी भाषा और साहित्य के संवर्द्धन में उल्लेखनीय योगदान के लिए किन्हीं एक विशिष्ट हिंदी सेवी विद्वान, साहित्यकार, अनुवादक को प्रति वर्ष प्रदान किया जाता है।
साहित्यिक संस्थान ‘शब्द’ के अध्यक्ष डॉ. श्रीनारायण समीर ने एक बयान में बताया कि बेंगलुरु महानगर में 13 जुलाई, 1997 को स्थापित हिंदी रचनाकारों की स्वैच्छिक संस्था ‘शब्द’ ने दोनों पुरस्कार स्थापित किये हैं। इनमें ‘अज्ञेय शब्द सृजन सम्मान’ महान आधुनिक कवि एवं लेखक सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय की स्मृति में स्थापित किया गया है। दूसरा पुरस्कार ‘दक्षिण भारत शब्द हिंदी सेवी सम्मान’ के लिए योग्य रचनाकार का चयन उनकी 3 वर्षों में प्रकाशित कृतियों के पारदर्शी मूल्यांकन के आधार पर किया जाएगा।
डॉ. समीर ने कहा कि इस वास्ते कृतिकार का नाम और संपर्क पता (मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी सहित), विगत 3 वर्षों में प्रकाशित कृति का विवरण (पुस्तक का नाम, प्रकाशक का नाम और पता, मोबाइल/फोन नंबर, ई-मेल आई डी सहित), पुस्तक की विशेषता, कृतिकार के समग्र अवदान का विवरण (अधिकतम 200 शब्द सीमा में) लिखकर प्रविष्टि भेजनी होगी। प्रविष्टि के साथ संबंधित पुस्तक की 3 प्रतियां संलग्न करना अनिवार्य होगा।
उन्होंने बताया कि इसी तरह ‘दक्षिण भारत शब्द हिंदी सेवी सम्मान-2023’ के लिए योग्य हिंदी सेवी का चयन दक्षिण भारत में रहने वाले हिंदी सेवियों, सर्जकों के बीच से किया जाएगा। इनके चयन का आधार दक्षिण भारत के प्रतिष्ठित साहित्यकारों, संपादकों, विद्वानों, सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों के वरिष्ठ कार्यपालकों की ओर से अनुशंसित नामों में से हिंदी के विकास एवं संवर्द्धन में उनके अवदान के मद्देनजर तथा विगत वर्षों में उनकी उपलब्धियों के पारदर्शी मूल्यांकन के आधार पर किया जाएगा। यह अनुशंसा या प्रविष्टियां ‘अध्यक्ष : शब्द, बी-8/403, श्रीराम स्पंदन, चेलघट्टा, बेंगलुरु-560037’ के पते पर 30 जून तक मिल जानी चाहिए।
डॉ. समीर के अनुसार ”शब्द साहित्यिक संस्था” के प्रति बेंगलुरु के साहित्यिक समाज का इतना विश्वास है कि ‘अज्ञेय शब्द सृजन सम्मान’ का व्यय वहन नगर के प्रसिद्ध समाजसेवी और अज्ञेय साहित्य प्रेमी ‘श्री बाबूलाल गुप्ता फाउंडेशन’ की ओर से किया जाता है। इसी तरह ‘दक्षिण भारत शब्द हिंदी सेवी सम्मान’ का व्यय वहन बेंगलुरु और चेन्नै से प्रकाशित प्रमुख हिंदी दैनिक समाचार पत्र ‘दक्षिण भारत राष्ट्रमत’ की ओर से किया जाता है। ‘शब्द’ साहित्यिक संस्था के रजत जयंती वर्ष 2022 में आयोजित ऐतिहासिक रजत महोत्सव में ‘अज्ञेय शब्द सृजन सम्मान’ मूर्धन्य कवि मदन कश्यप को और ‘दक्षिण भारत शब्द हिंदी सेवी सम्मान’ सुप्रसिद्ध विद्वान प्रो. अरविंदाक्षन को दिया गया था।
उन्होंने बताया कि ‘शब्द साहित्यिक संस्था’ की स्थापना 13 जुलाई, 1997 को हुई थी। तब से संस्था की मासिक रचना गोष्ठियां और वार्षिक समारोह अनवरत आयोजित होते रहे हैं। कोरोना काल में भी ‘शब्द’ की ऑनलाइन मासिक गोष्ठियां हुईं, जिनमें देश-विदेश के अनेक गणमान्य साहित्यकार शामिल हुए। ‘शब्द साहित्यिक संस्था’ की मासिक रचना गोष्ठी भी स्तरीय और गुणवत्तायुक्त होती है।