श्रमिकों की मेहनत और समर्पण के प्रति सम्मान का दिन है मई दिवस: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस (मई दिवस) के अवसर पर श्रमवीरों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर श्री बघेल ने सभी श्रमिकों के सुखमय और उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। श्री बघेल ने कहा है कि एक मई को हर साल हम मेहनतकश श्रमिकों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए मजदूर दिवस मनाते हैं। यह श्रमिकों की मेहनत और समर्पण के सम्मान का दिन है।
मुख्यमंत्री ने कामगारों की सामाजिक-आर्थिक खुशहाली के लिए प्रतिबद्धता प्रकट करते हुए कहा है कि श्रमिक हमारे समाज का अभिन्न अंग और विकास की आधारशिला हैं। छत्तीसगढ़ सरकार श्रमिकों सहित सभी जरूरतमंद लोगों के विकास का हरसंभव प्रयास कर रही है। छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मण्डल द्वारा शैक्षणिक सहायता योजना, श्रमिक दुर्घटना मृत्यु सहायता योजना, निःशुल्क सायकल वितरण योजना, निःशुल्क सिलाई मशीन योजना और सिलाई मशीन प्रशिक्षण, मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना जैसी कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। जिससे श्रमिकों के साथ-साथ उनके परिवारों को भी सुखद उज्ज्वल भविष्य मिल सके।
श्री बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में पारम्परिक रूप से मेहनतकशों के दैनिक भोजन का हिस्सा बोरे-बासी रहा है। बोरे बासी में सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। गर्मीं के दिनों में शरीर को ठंडा रखने के साथ पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए भी यह रामबाण है। इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ में पिछले साल से बोरे-बासी खाकर अपने पारंपरिक भोजन, संस्कृति और श्रमिकों के प्रति सम्मान प्रकट करने की शुरूआत की गई है। श्री बघेल ने कहा है कि हमारी संस्कृति और परम्पराओं में स्वस्थ जीवन के कई सूत्र और रहस्य छुपे होते हैं, जिसे हमें जानने, पहचानने और अपनाने की जरूरत है। हमें हमारी युवा पीढ़ी को भी अपने आहार और संस्कृति के प्रति गौरव का अहसास कराना बहुत जरूरी है। श्री बघेल ने अपील की है कि सभी एक मई को मजदूर दिवस के दिन आमा के अथान और गोंदली के साथ हर घर में बोरे-बासी खाएं और अपनी संस्कृति और विरासत पर गर्व महसूस करें।