रोमांचक ड्रिल के साथ एमबी पावर में मना अग्निशमन सेवा दिवस
जैतहरी। अग्निशमन कर्मी जिंदगियों और संपत्तियों का रक्षक होता है। वह खतरे से जूझते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वाह समर्पण से करता है।” हिंदुस्तान पावर के ताप विद्युत उपक्रम एमबी पावर (मध्य प्रदेश) लिमिटेड के प्लांट हेड एवं सीओओ बसंता कुमार मिश्रा ने गत शाम कंपनी परिसर में आयोजित राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस कार्यक्रम में यह कहा।
इस समारोह में बाम्बे विक्टोरिया बंदरगाह अग्निकांड के उन शहीद अग्निशमन कर्मियों के बलिदान को याद किया गया, जिन्होंने कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए शहादत दी थी।
इस मौके पर शहीद अग्निशमन कर्मियों को श्रद्धांजलि दी गयी और उनकी याद में दो मिनट का मौन रखा गया। इसके बाद सभी को अग्नि सुरक्षा की शपथ दिलाई गयी। अग्निशमन कर्मियों ने आपदा राहत और बचाव की रोमांचक झलकियां पेश कीं। आग से घिरे इंसान की रक्षा कैसे की जाए और घायलों को कैसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया जाए, इन सबका ड्रिल पेश किया गया। प्रबंधन की ओर से प्लांट हेड श्री मिश्रा, ओ एंड एम हेड अजित चोपड़े और मानव संसाधन एवं प्रशासन विभाग के प्रमुख आरके खटाना ने कर्तव्यनिष्ठ अग्निशमन कर्मियों को उपहार देकर पुरस्कृत किया गया। श्री चोपड़े ने कहा कि अग्निशमन कर्मियों का समर्पण सर्वोत्कृष्ट है, क्योंकि वे जान की परवाह किए बिना अपनी सेवा देते हैं।
सेफ्टी एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख डा. भोला प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि हमारा अग्निशमन दल इस क्षेत्र में बेहद विश्वसनीय दल के रूप में उभरा है, क्योंकि हम आस-पास के इलाकों में भी लोगों की मदद के लिए मुस्तैद रहते हैं। यह दल स्थानीय समुदाय और जिला प्रशासन के अनुरोध पर भी आपदाओं से निपटने में भूमिका निभाता रहा है। आरके खटाना ने कार्यक्रम के सहभागियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि कंपनी का अग्निशमन दल अपनी मुस्तैदी और विश्वसनीयता के लिए इस संभाग में जाना जाता है।
14 अप्रैल , 1944 को बाम्बे बंदरगाह पर एसएस फोर्ट स्टीकाइन नामक जहाज पर भीषण विस्फोट से भारी नुकसान हुआ था। विस्फोटकों और ज्वलनशील पदार्थों से लदे इस जहाज में आग लगने से 800 से 1300 लोगों की मौत हो गयी थी, वहीं 3000 लोग जख्मी हुए थे। इस आपदा से निपटने में 66 अग्निशमन कर्मी शहीद हो गये। उनकी शहादत के सम्मान में भारत सरकार ने इस तारीख को अग्निशमन सेवा दिवस के तौर पर घोषित किया।