अयोध्या। अयोध्या में श्रीरामजन्म भूमि में विराजमान रामलला के दिव्य मंदिर निर्माण को आकार मिलने के साथ उसकी पूर्णता की दिशा में पहला कदम बढ़ गया है। अष्टकोणीय गर्भगृह के ऊपर बीम लगाने का काम पूरा होने के बाद बुधवार की शाम छत ढलाई का काम शुरू कर दिया गया। गर्भगृह में भगवान के महापीठ एवं कोली अंतराल के 14 फिट चौड़े व 20 लंबे क्षेत्रफल के ऊपर छत ढाली जानी है।
मकराना मार्बल की नक्काशीदार व मीनाकारीदार पत्थरों से पहले दीवारें खड़ी की गई। दीवारों के ऊपर नक्काशीदार बीम लगाई गई, अब छत भी उसी के ऊपर नक्क्शीदार ही ढाली जा रही हैं। इसके साथ कीर्तन मंडप, जो गूढी मंडप के उत्तर व दक्षिण में है, उसके ऊपर छत ढाली जाएगी। जबकि सिंहद्वार के बाद स्थित नृत्य मंडप व उसके बाद रंग मंडल व गूढी मंडप के भूतल की छत नहीं होगी बल्कि प्रथम तल पर ही छत होगी। इसे गुंबद के आकार में निर्मित किया जाएगा। इसके ऊपर तीन अलग-अलग कलश भी होंगे। तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय का कहना है कि रंग मंडप व नृत्यमंडप के चारों ओर दीवारें भी नहीं होंगी। इससे अधिकतम भक्त भगवान की स्तुति आरती का दर्शन कर सकेंगे। गर्भगृह पर छत के बाद अब प्रथम तल का काम शुरू हो जाएगा।