जीवन जीने की कला से भारत को फिर विश्वगुरु बनाए : मंत्री सखलेचा
भोपाल। विज्ञान एवम प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने युवाओं विशेषत स्कूली बच्चों का आव्हान किया है कि वे जीवन जीने की कला को केंद्र में रखकर भारत को विज्ञान सहित सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमृत काल में देश को विश्वगुरु का वैभव वापस दिलाने की अवधारणा को मूर्त रूप दे।मंत्री सखलेचा मंगलवार को आंचलिक विज्ञान केंद्र में तीन दिवसीय नवप्रवर्तन महोत्सव का उद्घाटन करने के बाद संबोधित कर रहे थे।कार्यक्रम में आर जी पी वी के कुलपति सुनील कुमार,साइंस सेंटर के निदेशक उमेश कुमार और परियोजना समन्वयक साकेत सिंह कौरव भी उपस्थित थे।
इससे पहले मंत्री सखलेचा ने स्कूली विद्यार्थियों के साथ दीप प्रज्वलित कर महोत्सव का विधिवत उद्घाटन किया।सखलेचा ने कहा कि गुलामी के लगभग हजार सालो में देश की शिक्षा प्रणाली, संस्कृति, ज्ञान, विज्ञान और कौशल, अर्थव्यवस्था और व्यापार को भारी नुकसान हुआ हैं। उन्होंने कहा कि हम विश्वगुरु थे और विज्ञान के सारे सूत्र हमारे ऋषि मुनियों ने दिए और वेद शास्त्रों में वे आज भी मौजूद है। उन्होंने कहा कि दुनिया ने हमसे जीना और जीवन जीने की कला को सीखा है। अब जरूरत है कि हमारे बच्चे अपने इस ज्ञान को सीखे और टीवी नवाचार से दुनिया को जीने की कला सिखाए।
सखलेचा ने कहा कि आज जरूरत है कि बच्चे जीवन की चुनौतियों को समझे,उनके समाधान के लिए टीम वर्क से रास्ते बनाए और सकारात्मक सोच रखकर अपने साथियों को प्रोत्साहित करे। उन्होंने नीमच जिले के बच्चो की एक माह की जापान यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां के वैज्ञानिकों का मानना है कि भारतीय बच्चो का दिमाग जापानी बच्चो से तीन गुना बेहतर है जरूरत टीम वर्क और एक दूसरे को प्रोत्साहित करने की है।
महोत्सव को संबोधित करते हुए कुलपति सुनील कुमार ने बच्चो से कहा कि उन्हें को भी समस्या लगती और दिखती है उसके समाधान के लिए नवाचार करे। उन्होंने क्लास रूम के वातावरण और शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए शोध आधारित नवाचार करने की प्रेरणा भी दी।
इससे पहले मुबई से आए साइंस सेंटर के निदेशक उमेश कुमार ने विज्ञान और संस्कृति के अनेक उदाहरण देते हुए कहा कि नवप्रवर्तन की अवधारणा की पीछे सोच यही है कि हम देश को आत्म निर्भर बनाए। उन्होंने ग्रास रूट पर हो रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि समस्याओं का समाधान भी नवाचार है।
आंचलिक केंद्र के परियोजना समन्वयक कौरव ने बताया कि एमपी स्टार्टअप सेंटर, एमएसएमई विभाग के सहयोग से नवाचार, स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र की संस्कृति को बढ़ावा देने, स्कूल कॉलेज के छात्रों और ग्रासरूट स्तर के नव-प्रवर्तकों को लाभ देने के उद्देश्य से यह नव-प्रवर्तन महोत्सव मनाया जा रहा है। इस उत्सव का प्राथमिक उद्देश्य प्रदेश के स्कूल एवं कॉलेज स्तर के छात्रों और ग्रासरूट स्तर के नव-प्रवर्तकों को कार्यशील परियोजनाओं, मॉडल और उत्पादों के रूप में अपने नवीन विचारों यानि उत्पादों और डिजाइन को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करना है। मंत्री सखलेचा ने विज्ञान और जीवन के लिए उपयोगी माडल की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। महोत्सव 13 अप्रैल तक चलेगा।