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वन विभाग को 800 करोड़ की राजस्व राशि की प्राप्ति: लक्ष्य के 160 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल

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रायपुर। वन विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में शासन द्वारा निर्धारित राजस्व लक्ष्य 500 करोड़ रुपए के विरूद्ध लगभग 800 करोड़ रुपए की राजस्व राशि प्राप्त की गई, जो लक्ष्य से 160 प्रतिशत अधिक है। विभाग की कार्य कुशलता से यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है।
विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार वनक्षेत्र में स्थित खदानी काष्ठ से खनिज परिवहन हेतु टी.पी. शुल्क वसूली के प्रकरण में तत्परता दिखाते हुए 253 करोड़ रूपए की राशि वसूल कर शासन के राजस्व में जमा किया गया है। भारत सरकार द्वारा स्वीकृत कार्य आयोजना के प्रावधान के अनुसार कटाई किए जाने का प्रावधान है। वर्ष 2022-23 में कुल 22 कार्य आयोजना प्रचलित वनमंडलों में एवं 01 वनमंडल की वर्किंग स्कीम की स्वीकृत कराकर इन वनमंडलों में विदोहन की स्वीकृति भारत सरकार से निर्धारित समयावधि में प्राप्त कर विदोहन कार्य प्रारंभ किया गया। विदोहन से प्राप्त वनोपज का निर्धारित नीलाम से तिथियों में नीलाम से राजस्व वृद्धि हुई।
इसी तरह छत्तीसगढ़ अभिवहन (वनोपज) नियम 2001 में विभाग द्वारा संशोधन करते हुये खनिज परिवहन शुल्क में वृद्धि से लगभग 150 करोड़ रूपए की अतिरिक्त राजस्व राशि की प्राप्ति हुई है। बस्तर वनमंडल में पूर्व में पाईन प्रजाति का रोपण हुआ था, की कटाई कराकर ई-नीलामी कराने से 2.57 करोड़ रूपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है। विभाग को वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 346 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 800 करोड़ का राजस्व प्राप्त कर लिया गया है, जो वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु निर्धारित राजस्व लक्ष्य 500 करोड़ से 160 प्रतिशत अधिक है।
छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पश्चात से यदि राजस्व प्राप्ति के आंकड़ों को देखा जाये तो वित्तीय वर्ष 2022-23 में सर्वाधिक राजस्व प्राप्त हुआ है। इनमें वर्षवार 2000-01 में 49.56 करोड़ रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ था। वर्ष 2017-18 में 283 करोड़ रूपए तथा 2018-19 में 256 करोड़ रूपए की राजस्व राशि प्राप्त की गई। वर्ष 2019-20 में 247 करोड़ रूपए, 2020-21 में 277 करोड़ रूपए, 2021-22 में 347 करोड़ रूपए की राजस्व राशि प्राप्त हुई थी। वर्ष 2022-23 में राज्य में ऐतिहासिक 801 करोड़ 55 लाख रूपए की राजस्व राशि प्राप्त हुई।