रायपुर। मीडिया कर्मी सुरक्षा विधेयक का कांग्रेस ने स्वागत किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने अपनी जनप्रतिबद्धता को एक बार फिर से प्रदर्शित किया है। कांग्रेस ने अपने जनघोषणा पत्र का एक और वायदा पूरा किया। राज्य बनने के बाद से ही प्रदेश के पत्रकार, पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग कर रहे थे। पिछली भाजपा की सरकार ने पत्रकारों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया था। मीडिया प्रजातंत्र का प्रमुख स्तंभ है, पत्रकार विपरीत परिस्थितियों में अपने दायित्वों का निर्वहन करते है। अनेक बार ऐसे अवसर आते है जब पत्रकार अपने कर्तव्य को पूरा करते हुये खतरों का सामना करना पड़ता है। असमाजिक तत्वों से उनकी सुरक्षा पर खतरा होता है ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि समाज के इस प्रमुख वर्ग को उनकी पेशेवर जिम्मेदारी के निर्वहन के लिये विशेष संरक्षण दिया जाये। कांग्रेस की सरकार ने पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने का निर्णय लेकर लोकतंत्र को मजबूत करने का काम किया है।
मरकाम ने कहा है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के प्रति छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने अपने वादे पर अमल करते हुए ठोस प्रावधान किया है। प्रस्तावित विधेयक में राज्य और जिला स्तर पर सुरक्षा समिति के गठन का प्रावधान है। पत्रकार सुरक्षा समिति, जोखिम प्रबंधन इकाई, पत्रकारों के सुरक्षा के समुचित उपाय, अनुचित अभियोजन और हिरासत से पत्रकारों की सुरक्षा के कठोर प्रावधान के समुचित प्रबंध है। प्रस्तावित विधेयक में यह भी प्रावधान है कि समिति गठन के 30 दिन के भीतर राज्य और जिला स्तर पर जोखिम कमेटी गठित की जाएगी जिसमें राज्य और जिलों में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, जनसंपर्क अधिकारी सहित पत्रकारों का उचित प्रतिनिधित्व होगा। राज्य कमेटी में तीन वरिष्ठ पत्रकार और प्रत्येक जिला समिति में दो-दो पत्रकारों के प्रतिनिधि होंगे। यह जोखिम प्रबंधन इकाई पत्रकारों की शिकायत पर बताना ना धमकी यह हिंसा की सूचना पर समुचित कार्यवाही करेगा। पत्रकारों के प्रति दायित्वों के ठोस निर्वहन करते हुए मिडिया कर्मी सुरक्षा विधेयक लाने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सरकार का आभार व्यक्त करती है।