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पशुधन के उपचार व देख-भाल के लिए की जाएगी राज्य पशु गृह व पशु-रूग्णावास की स्थापना

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रायपुर। राज्य बजट में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि ग्राम दतरेंगा, जिला-रायपुर में पशुधन के उपचार एवं देख-भाल हेतु राज्य पशु गृह एवं पशु-रूग्णावास की स्थापना की जायेगी। इसके सेटअप एवं अधोसंरचना निर्माण के लिए नवीन मद में 02 करोड़ 18 लाख 50 हजार का प्रावधान है।
25 नये पशु औषधालय दुधली जिला-बालोद, सुहेला एवं बालपुर जिला-बलौदाबाजार, खोडरी जिला-गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, दैहान, उमरवाही एवं सोनेसरार जिला-राजनांदगांव, सिल्ली एवं नोनबिर्रा जिला-कोरबा, बकरकट्टा जिला-खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, टेमरा जिला- जांजगीर चांपा, फुण्डा जिला-दुर्ग, जुनवानी जिला-कबीरधाम, मौहाभाटा एवं खाती जिला-बेमेतरा, घाटलोहंगा, मधोता, लावागांव मोहलई, छोटे देवड़ा एवं सिरिसगुड़ा जिला-बस्तर, बड़ाबदामी एवं गगोली जिला-सरगुजा, मिरतुर जिला-बीजापुर, छतरंग जिला-सूरजपुर तथा भवरमाल जिला-बलरामपुर में खोलना प्रस्तावित है। इसके लिए नवीन मद में 02 करोड़ 85 लाख का प्रावधान है।
14 पशु औषधालय रिसाली, अण्डा, सेलुद, जिला-दुर्ग, परपोड़ी जिला-बेमेतरा, सारागांव जिला-जांजगीर चांपा, सेमरा जिला-धमतरी, रतनभाट जिला-राजनांदगांव, बतरा एवं शिवप्रसाद नगर जिला-सूरजपुर, महारानीपुर, राजापुर एवं मंगारी जिला-सरगुजा, सामरी एवं त्रिकुण्डा जिला-बलरामपुर को पशु चिकित्सालयों में उन्नयन किए जाने हेतु 42 पदों के सृजन का प्रावधान है।
17 नवीन पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशालाओं की स्थापना जिला-बलौदाबाजार, बालोद, बेमेतरा, मुंगेली, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, सारंगढ-बिलाईगढ़, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, सक्ती, गरियाबंद, बलरामपुर, सूरजपुर, कोण्डागांव, सुकमा, बीजापुर एवं नारायणपुर में की जायेगी। पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, बिलासपुर में पशुधन फार्म कॉम्प्लेक्स एवं अन्य कार्यों हेतु नवीन मद में 05 करोड़ का प्रावधान है।
मछली पालन
ग्राम किकिरमेटा, जिला-दुर्ग, ग्राम दुब्बाटोटा जिला-सुकमा एवं बालोद में 03 नवीन मत्स्य प्रक्षेत्र एवं हेचरी की स्थापना की जायेगी। मत्स्य महाविद्यालय, कवर्धा में बाउंड्रीवाल तथा आंतरिक सड़क निर्माण हेतु नवीन मद में 02 करोड़ का प्रावधान है।
जल संसाधन
सिंचाई परियोजनाओं की क्षमता के अनुरूप वास्तविक सिंचाई का लाभ किसानों तक पहुंचाने के लिये प्रबंधन की कमियों को दूर करने का प्रयास किया गया है, जिसके आशातीत परिणाम मिले हैं। मार्च 2018 की स्थिति में वास्तविक सिंचाई औसतन 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हो पाती थी, जो दिसंबर 2022 की स्थिति में बढ़कर 13 लाख 05 हजार 451 हेक्टेयर हो गयी है। वर्ष 2023-24 के बजट में वृहद सिंचाई योजना के 218, मध्यम सिंचाई योजना के 75, लघु सिंचाई योजना के 840, एनीकट-स्टॉप डैम के 598 तथा बाढ़ नियंत्रण संबंधी 256 नवीन कार्यों के लिए प्रावधान है।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण
धान के उठाव एवं कस्टम मिलिंग संबंधी कार्यों को समय-सीमा में सुगमतापूर्वक संपन्न करने की दृष्टि से सी.एम.आर. में वृद्धि की गई है। राज्य सहकारी विपणन संघ को इस राशि की प्रतिपूर्ति हेतु 01 हजार करोड़ का प्रावधान है। खाद्यान्न वितरण कार्य हेतु नियुक्त डीलर्स के प्रोत्साहन हेतु पी.डी.एस. डीलर्स मार्जिन योजना में गत वर्ष के 101 करोड़ के प्रावधान को बढ़ाकर इस वर्ष 02 सौ 21 करोड़ का प्रावधान है। खाद्यान्न सुरक्षा के साथ-साथ स्वाद एवं पोषण को ध्यान में रखते हुए चना प्रदाय योजना की राशि 01 सौ 71 करोड़ से बढ़ाकर 03 सौ 61 करोड़, शक्कर वितरण की राशि 100 करोड़ से बढ़ाकर 01 सौ 24 करोड़ एवं आयोडाइज्ड नमक वितरण की राशि 49 करोड़ से बढ़ाकर 94 करोड़ का प्रावधान है।