बालोद। जिले का कलेक्टोरेट भवन राज्य का पहला कलेक्टोरेट है, जिसकी पोताई गोबर से निर्मित प्राकृतिक पेंट से की जा रही है। कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने 27 फरवरी को सुबह स्वयं पोताई कर कलेक्टोरेट बिल्डिंग के रंग-रोगन कार्य का श्री गणेश किया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप राज्य में शासकीय भवनों की पोताई गौठानों में महिला समूहों द्वारा गोबर से निर्मित प्राकृतिक पेंट किए जाने के निर्देश शासन द्वारा जारी किए जा चुके हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा प्राकृतिक पेंट को एसओआर में शामिल करने के साथ ही विभागीय अधिकारियों को भवनों की पोताई गोबर निर्मित प्राकृतिक पेंट से किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में शासकीय भवनों की गोबर निर्मित प्राकृतिक पेंट से पोताई किए जाने पर प्रसन्नता जताई है। उन्होंने कहा है कि इससे राज्य में गोबर से प्राकृतिक पेंट के उत्पादन के नवाचार को बढ़ावा मिलने के साथ ही इस कार्य में जुटी महिला स्व-सहायता समूहों को लाभ होगा। मार्केट में मल्टीनेशनल कम्पनियों के केमिकल से बने पेंट एवं डिस्टेंपर की तुलना में प्राकृतिक पेंट सस्ता और इको फ्रेंडली है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 19 फरवरी के बालोद जिले के प्रवास के दौरान जिले के गौठानों में प्राकृतिक पेंट निर्माण की इकाईयों की स्थापना और पेंट-डिस्टेंपर उत्पादन की भी सराहना की थी। विदित हो कि इस दौरान गुण्डरदेही विकासखण्ड के ग्राम परसतराई में मुख्यमंत्री द्वारा लोकार्पित छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति स्थल की पोताई जिले में निर्मित गोबर पेंट से की गई थी।
बालोद जिले में राज्य शासन के निदेर्शानुसार सभी शासकीय कार्यालयों, भवनों, स्कूलों, आँगनबाड़ी केंद्रों आदि की पोताई प्राकृतिक पेंट से की जा रही है। बालोद विकासखण्ड के आदर्श गौठान बरही में स्थापित प्राकृतिक पेंट इकाई से गोबर से निर्मित प्राकृतिक पेंट एवं डिस्टेम्पर की खरीदी विभिन्न विभागों द्वारा करके विभाग के अधीन भवनों की पोताई की जा रही है। लोक निर्माण विभाग ने नवनिर्मित भवनों की पोताई के लिए अब तक सर्वाधिक एक लाख 62 हजार रूपए का प्राकृतिक पेंट एवं डिस्टेंपर खरीदा है। उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. डी. के. शिवहरे ने बताया कि विकासखण्ड गुरूर के अंतर्गत ग्राम पंचायत सोरर में 180 लीटर प्राकृतिक पेंट की खरीदी की गई है। गुण्डरदेही विकासखण्ड के ग्राम पंचायत परसतराई में 28 लीटर प्राकृतिक पेंट की खरीदी की गई है। इसके अलावा अन्य विभागों के द्वारा भी लगातार अपने विभागीय कार्यालयों एवं भवनों की पोताई हेतु प्राकृतिक पेंट और डिस्टेम्पर की खरीदी की जा रही है। जिले में विभागों द्वारा अब तक 25 हजार लीटर प्राकृतिक पेंट की मांग की गई है।