Home मध्यप्रदेश शिवराज सरकार का बजट में सिंचाई परियोजनाओं पर विशेष फोकस

शिवराज सरकार का बजट में सिंचाई परियोजनाओं पर विशेष फोकस

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भोपाल। प्रदेश में चुनावी बजट में राज्य सरकार कृषि सिंचाई क्षेत्र को बढ़ावा देने पर फोकस करने जा रही है। एक मार्च को पेश होने वाली बजट में 56799 करोड़ रुपए से अधिक की 32 सिंचाई परियोजनाओं को शामिल करने की तैयारी है जिसमें 25 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई होने की बात कही जा रही है।
प्रदेश के सागर, नर्मदापुरम, उज्जैन, नर्मदा ताप्ती कछार इंदौर, चंबल बेतवा कछार भोपाल, यमुना कछार ग्वालियर और वैनगंगा कछार सिवनी मुख्य अभियंताओं के क्षेत्र की इन सिंचाई परियोजनाओं के लिए मुख्यमंत्री के पास विधायकों और मंत्रियों की ओर से प्रस्ताव आए थे जिसके बाद इन परियोजनाओं को बजट में शामिल करने का प्रस्ताव है।
जो सिंचाई परियोजनाएं प्रस्तावित हैं उनमें सबसे महंगी सिंचाई परियोजना बालाघाट जिले की बगलीपाठ माइक्रो इरीगेशन स्कीम है जिसकी लागत 170 करोड़ है। इसके पूरा होने के बाद 4857 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा। इसके बाद रायसेन जिले की सईदपुर सिंचाई परियोजना 105 करोड़ की लागत से प्रस्तावित है। बालाघाट जिले की एक अन्य परियोजना 56 करोड़ रुपए से अधिक की है जिसमें 1605 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचाई का लाभ पाएगा।
शासकीय ई मेल ही भेजेंगे, निजी ई मेल होंगे प्रतिबंधित
प्रदेश के सरकारी कर्मचारी, अधिकारी अब शासन द्वारा जारी निर्देशों और आदेशों तथा अन्य दस्तावेजों की जानकारी शासकीय ई मेल के जरिये ही भेजेंगे। निजी ईमेल के जरिये विभागीय पत्राचार बंद किया जाएगा। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके आदेश जारी किए हैं जिसके बाद सभी विभागों ने इस पर अमल के लिए मैदानी अमले के निर्देशित किया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनवरी में ली गई बैठक में अधिकारियों से कहा था कि शासकीय कार्यों से संबंधित पत्रों, आदेशों, निर्देशों, सर्कुलर के संप्रेषण के लिए शासकीय ई मेल ही इस्तेमाल किए जाएं। अधिकारी निजी ई मेल का इस्तेमाल इसके लिए नहीं करें। शासकीय ई मेल भी शासन से संबंधित विभागों, अधिकारियों को भेजे जाएं जो एनआईसी सर्वर पर बनाए गए हैं।
सीएम के स्पष्ट निर्देश
मुख्यमंत्री चौहान के निर्देश के बाद जीएडी ने सभी विभागों के एसीएस, प्रमुख सचिव, सचिवों को कहा है कि शासकीय पत्राचार शासकीय ई मेल पर ही किया जाए। इसके बाद पीडब्ल्यूडी, जल संसाधन समेत सभी विभागों ने विभागाध्यक्षों ने जिलों के अधिकारियों को इस पर अमल करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इस निर्देश के बाद निजी ई मेल से जानकारी भेजने पर प्रतिबंध लगना तय हो गया है।
इन जिलों की ये परियोजनाएं आएंगी बजट में
बजट में सिंचाई परियोजनाओं के लिए जिन अन्य जिलों और परियोजनाओं को चिन्हित किया गया है उसमें अलीराजपुर जिले की हिरन बैराज 02, बेगलगांव बैराज, खंडवा जिले की रामऔपुरा रूपारेल टैंक, बैतूल जिले की पाथाखेड़ा तालाब, धार जिले की सेंदला बैराज, डोबली बैराज, उज्जैन जिले की बोरदिया बैराज, सिवनी जिले की गुनगुच टैंक, मंडला जिले की पल्की टैंक, बालाघाट जिले की पैताडनाला जलाशय, बैगानगरी जलाशय, चनई जलाशय शामिल हैं।
इसी तरह रायसेन जिले की धौलपुर 2, मदनपुर, कहुआ, सीहोर जिले की पाटतलाई एक्सटेंशन द्वितीय चरण ग्राम पलासपानी, खजूरी सूक्ष्म सिंचाई परियोजना, जमुनिया उद्वहन सिंचाई योजना, श्योपुर की कडवाल टैंक, मुरैना जिले की बुढेरा स्टापडैम, इटोरा स्टापडैम, सागर जिले की डोला/लाखा नाला टैंक, छतरपुर जिले की छपारा टैंक, गढ़ा टैंक, भैरा टैंक, सूनवियर, टीकमगढ़ जिले की हरपुरा बांध से बामोरी तालाब परियोजना, निवाड़ी जिले की दुड़ियाघाट, पन्ना जिले की जमुनिया सेहा टैंक, बरखेड़ा टैंक सिंचाई परियोजना शामिल है।