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अक्षर फाउंडेशन विहंगम योग के तत्वाधान में बारुला स्कूल के 72 बच्चों को पाठ्य एवं अन्य उपहार सामग्री का वितरण

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कन्हैया तिवारी की रिपोर्ट
गरियाबंद ।
अक्षर फाउंडेशन, सद्गुरु सदाफलदेव विहंगम योग संस्थान की मातृ-शक्ति द्वारा संचालित सेवा संगठन है जो कि बाल कल्याण की दिशा में कार्यरत है। 25 फरवरी को हर वर्ष देश भर में हजारों जरूरतमंद बच्चों को पाठ्य सामग्री आदि उपहार वितरित किये जाते हैं।
अक्षर फाउंडेशन की ओर से दिनांक 25 फरवरी को छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में स्थित प्राथमिक शाला बारूला स्कूल में लगभग 72 बच्चों के बीच पाठ्य सामग्री एवं अन्य उपहार के वितरण कार्य किया गया ,
सुश्री योगेश्वरी साहू ने बताना की समाज का भविष्य बच्चों से ही है। देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए भविष्य की इस निधि को, हमारी भावी पीढ़ी को एक सही दिशा, समुचित शिक्षा और संस्कार देना आज की अनिवार्यता है। हम सभी आज जो भी हैं, समाज के ही बदौलत हैं। इसलिए अपनी क्षमता का एक हिस्सा समाज के निर्माण में वापस देना हममें से हर नागरिक का कर्तव्य है। व्यक्ति के विकास से ही देश का और तत्पश्चात विश्व का कल्याण संभव है। ईश्वर ने हमारी माताओं को सृष्टि के सृजन का कार्य सौंपा है। बच्चों के विकास में महिलाओं से बेहतर भूमिका भला कौन निभा सकता है?
विहंगम योग संस्थान द्वारा देश के विभिन्न स्थानों पर निःशुल्क आवासीय विद्यालय भी संचालित हैं जो कि हर वर्ष अनेकानेक जरूरतमंद बच्चों को संस्कार और शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। ये बच्चे आगे चलकर समाज के अग्रणी जनों के रूप में एक बेहतर भारत की नींव रख रहे हैं।
ये विचार अक्षर फाउंडेशन की स्वयंसेविकाओ और विहंगम योग संस्थान की महिला कार्यकर्ताओं द्वारा व्यक्त किये गए , कार्यक्रम का संचालन सुश्री योगेश्वरी साहू के द्वारा किया गया साथ में श्री मान ताराचंद साहू,श्रीमती दीपा साहू, कन्हैया तिवारी, किशोर चक्रधारी, कमलेश साहू, श्रीमति सेवती साहू, श्रीमती संतोषी साहू गुरु भाई एवं गुरु बहन भी उपस्थित हुए।
इस पाठ्य सामग्री वितरण कार्यक्रम के बाद बारूला स्कूल के प्राचार्य श्रीमतीलता ध्रुव जी ने इस आयोजन के लिए अक्षर फाउंडेशन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बतलाया कि हमारे यहां ज्यादातर बच्चे समाज के अतिपिछड़े तबके से आते हैं। इस प्रकार के कार्यक्रम न सिर्फ उनके लिए बहुत मददगार हैं, बल्कि इससे बच्चों का मनोबल भी बढ़ता है और उनके अंदर समाज के प्रति आदर की भावना का विकास होता है। कार्यक्रम के आयोजन में श्री मति मोती ध्रुव,श्री मति रितु ध्रुव,कमल कांत सेन, हीरालाल साहूआदि का विशेष सहयोग रहा।