मुंबई। मुंबई में यात्रा करने के लिए लोकल ट्रेन को शहर की लाइफ लाइन कहा जाता है. जहां प्रतिदिन हजारों लोग लोकल ट्रेन से यात्रा करते हैं, वहीं मुंबई में पिछले कितनी ही सालों से बेस्ट बस का भी महत्व रहा है. मुंबई में यात्रा के लिए बेस्ट बस भी मुंबई के लोगों की पसंद है, बेस्ट बस से यात्रा करना लोगों के लिए किफायती भी होता है और बेस्ट बस की कनेक्टिविटी को देखते हुए लोगों के लिए यात्रा करना आसान भी होता है।
मुंबई में पिछले कुछ सालों से बेस्ट की बस में काफी बदलाव देखा गया है. पर्यावरण को बचाने के लिए पहले बेस्ट की बस को सीएनजी से बदला गया और अब धीरे धीरे ई-बस को लाया जा रहा है. वहीं अभी भी मुंबई में काफी बसें हैं जो सीएनजी पर चलती हैं. मगर पिछले कुछ महीनों में इन बसों में हादसे हुए हैं और बस में आग लगने की घटनाओं में इजाफा हुआ है।
पिछले एक महीने में सीएनजी बसों में आग लगने की तीन घटनाएं सामने आयी हैं. वहीं कल शाम मुंबई के अंधेरी इलाके में बेस्ट की सीएनजी बस में भीषण आग लग गई जिसके मद्देनजर मुंबई नगर परिवहन निकाय बेस्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया जिसके अन्तर्गत 400 बसों को सड़कों से हटाने का फैसला किया गया है. मुंबई में तकरीबन अभी 1900 सीएनजी बस चलाई जा रही हैं और यह बस कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम के तहत हैं।
वहीं इन 400 बसों को तब तक काम में वापस नहीं लाया जाएगा जब तक कि ओईएम और ऑपरेटर यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सुधारात्मक उपाय नहीं करते कि ऐसी घटनाएं भविष्य में नहीं होंगी. वहीं इन बसों के हटाये जाने के बाद यात्रियों को असुविधा हो सकती है. इस वजह से अगले कुछ दिनों के लिए बेस्ट की तरफ से शेड्यूल में कुछ बदलाव किए जाने हैं।
मुंबई से पहले दिल्ली में भी बसों में आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकीं
मातेश्वरी कॉन्ट्रैक्टर के माध्यम से इन बसों की सेवाएं और सुविधाएं दी जा रही थीं. पिछले दो महीने में आग लगने की यह तीसरी घटना है. इससे पहले दिल्ली में भी इसी तरह से बसों में आग लगने की घटनाएं सामने आई थीं. मुंबई में भी बुधवार से पहले दो घटनाएं सामने आ चुकी थीं. बेस्ट परिवहन विभाग इन घटनाओं को गंभीरता से ले रहा था. आखिर बुधवार को भी जब अंधेरी में एक बस में आग लगी तो बेस्ट ने चार सौ बसें तुरंत बंद करने का फैसला कर लिया।
खास कर 4 डेपो से 36 रुट्स पर इन बसों के ना चलने का दिखेगा असर
बेस्ट परिवहन विभाग ने यह तय किया है कि जब तक कॉन्ट्रैक्टर की ओर से आग लगने की घटनाएं दोबारा ना होने का ठोस आश्वासन नहीं मिल जाता तब तक इन बसों को दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. सबसे ज्यादा मुसीबत प्रतीक्षा नगर डेपो से जुड़े मुसाफिरों को उठानी पड़ेगी. इस तरह की 100 बसें यहीं से चलाई जाती हैं. इस तरह कल से कुल 4 डेपो से करीब 36 रुट्स पर इन बसों के सड़क पर ना उतरने का खामियाजा आम यात्रियों को भुगतना पड़ेगा।