रायपुर। रंग और उमंग के महीने फाल्गुन में आने वाले तीज त्यौहार खुशियों के रंग भी काफी बिखेरेते हैं। हर साल फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज मनाया जाता है। ये मुख्यत:बसंत ऋतु से जुड़ा त्योहार है। फुलेरा दूज पर भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा की जाती है। इस दिन ब्रज में श्रीकृष्ण के साथ फूलों की होली खेली जाती है। ब्रज के मंदिरों में इस दिन श्री कृष्ण और राधा रानी को फूलों से सजाया जाता है और उन पर जमकर फूल बरसाए जाते हैं। वैवाहिक जीवन और प्रेम संबंधों में प्रगाढ़ता लाने के लिए इसे बहुत शुभ माना जाता है। जिनकी कुंडली में प्रेम का अभाव हो, उन्हें इस दिन राधा-कृष्ण की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
हिंदू धर्म में फुलेरा दूज के पर्व का काफी महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ये दिन इतना शुभ होता है कि इस दिन किसी भी समय शुभ कार्य किया जा सकता है। यही वजह है कि फुलेरा दूज के दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए मुहूर्त देखने की भी जरूरत नहीं होती है। फुलेरा दूज किसी शुभ कार्य जैसे सगाई या विवाह के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
फुलेरा दूज का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, फुलेरा दूज फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल फुलेरा दूज की तिथि की शुरूआत 21 फरवरी, मंगलवार को सुबह 09 बजकर 04 मिनट पर हो रही है और इसका समापन 22 फरवरी को सुबह 05 बजकर 57 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, इस साल फुलेरा दूज 21 फरवरी 2023 यानी मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा गोधूली मुहूर्त में ही की जाएगी। गोधूली मुहूर्त की शुरूआत शाम 06 बजकर 13 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 38 मिनट तक रहेगी।
कैसे करें पूजन
फुलेरा दूज के दिन पूजा के लिए गोधुली मुहूर्त सबसे अच्छा है। इस दिन राधा-कृष्ण के मंदिर में जाकर दर्शन करें और उन्हें रंग-बिरंगे फूल अर्पित करें। इससे वैवाहिक जीवन में प्यार बढ़ता है।