Home Uncategorized ‘स्त्री-2023 सृजन और सरोकार’ पर 2 दिवसीय आयोजन 19 से,  मंथन करने पहुंचेंगे स्थानीय व...

‘स्त्री-2023 सृजन और सरोकार’ पर 2 दिवसीय आयोजन 19 से,  मंथन करने पहुंचेंगे स्थानीय व देश भर के साहित्यकार

54
0

स्त्री सरोकारों व साहित्य से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर साहित्य अकादमी का दो दिवसीय आयोजन राजधानी रायपुर में

रायपुर। साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद की ओर से दो दिवसीय साहित्यिक कार्यक्रम ‘स्त्री-2023 सृजन और सरोकार’ का आयोजन 19 फरवरी शनिवार और 20 फरवरी रविवार को शहर के न्यू सर्किट हाउस सिविल लाइंस स्थित कन्वेंशन हॉल में होने जा रहा है। इस कार्यक्रम में कविता पाठ कहानी पाठ संगीत प्रस्तुति और स्त्री लेखन व स्त्री मुद्दों पर वक्तव्य और चर्चा आयोजित की जा रही है। 
इस संबंध में संयोजक व वरिष्ठ साहित्यकार जया जादवानी ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य हिंदी साहित्य के क्षेत्र में सृजन के मौजूदा रुझानों की पहचान करना है और स्त्री सरोकारों व साहित्य से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करना है। कार्यक्रम में वक्तव्य और चर्चा के अलावा इन पहलुओं को अभिव्यक्त करने वाली कविताओं और कहानियों का पाठ और संगीत की प्रस्तुति की जाएगी।
जया जादवानी ने कहा कि महिलाओं पुरुषों की बराबरी का मूल्य हमारे संविधान में एक प्रमुख विशेषता है मगर सामाजिक धरातल पर इसके प्रति जागरूकता फैलाने की विशेष जरूरत रहती है साहित्य मनुष्य की भावनाओं संवेदना और सपनों की सर्वोत्तम अभिव्यक्ति माना जाता है हिंदी साहित्य में भी पिछले कुछ दशकों में ना सिर्फ श्रेष्ठ स्त्री लेखकों की उपस्थिति बढ़ी है बल्कि उन्होंने स्त्रियों की सामाजिक स्थितियों के बारे में एक प्रभावशाली विमर्श भी खड़ा किया है। इस आज के माहौल में स्त्री व पुरुष समानता और स्त्री स्वतंत्रता संबंधी विचारों व साहित्य कभी व्यक्तियों से जोड़ना युवा पीढ़ी के लिए बहुत जरूरी है। ऐसे  में  यह  आयोजन  किया  जा रहा है। 
आयोजन में पहले दिन 19 फरवरी रविवार को सुबह 10:30 बजे का सत्र ‘स्त्री लेखन नए प्रश्न नई चुनौतियां’ विषय पर होगा। जिसमें संयोजक जया जादवानी, देवी प्रसाद मिश्र, गिरिराज किराडू, सुजाता और रश्मि रावत अपनी बात रखेंगे।
दोपहर 2 बजे ‘भाषा का स्त्री पक्ष’ विषय पर रोहिणी अग्रवाल, अलका रंजन और प्रियंका दुबे चर्चा करेंगे। वही शाम 4 बजे कहानी पाठ सत्र में जयशंकर, प्रत्यक्षा, आकांक्षा पारे काशिव व दीपिका सिंह अपनी कहानियों का पाठ करेंगे। शाम 5:30 बजे सांस्कृतिक संध्या में के रोहन नायडू के निर्देशन में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के कलाकारों की वायलिन पर अनूठी प्रस्तुति होगी। दूसरे और अंतिम दिन 20 फरवरी सोमवार सुबह 10:30 बजे ‘साहित्य में स्त्री और स्त्री का साहित्य’ विषय पर रोहिणी अग्रवाल, हेमलता महिश्वर, प्रिया वर्मा,पूनम वर्मा और आशीष मिश्र अपनी बात रखेंगे। दोपहर 2 बजे ‘साहित्य में स्त्री दृष्टि क्या है..?’ इस विषय पर जयशंकर, प्रत्यक्षा,लवली गोस्वामी और प्रियंका दुबे दर्शकों से रूबरू होंगे। शाम 4:00 बजे कविता पाठ सत्र में देवी प्रसाद मिश्र, मृदुला सिंह, गिरिराज किराडू, श्रुति कुशवाहा, पूनम अरोड़ा, सुमेधा अग्रश्री,नेहल शाह, प्रिया वर्मा, रूपम मिश्र और लवली गोस्वामी अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे।