भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार भी छत्तीसगढ़ और राजस्थान की तर्ज पर मध्यप्रदेश के शासकीय कर्मचारियों की विवाहित पुत्रियों को अनुकंपा नियुक्ति का अधिकार देने की तैयारी कर रही है। आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय के प्रस्ताव पर यह कवायद हो रही है।
मध्यप्रदेश में फिलहाल विवाहित पुत्री को अनुकंपा नियुक्ति देने का कोई नियम नहीं है। लेकिन आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय के दिवंगत अधिकारी आरएस राठौर की मृत्यु के पश्चात उनकी विवाहित पुत्री की ओर से अनुकंपा नियुक्ति का प्रस्ताव आया है।
उनके पुत्र गिरीश निजी नौकरी में अच्छे पद पर है इसलिए वे अनुकंपा नियुक्ति नहीं चाहते है। उनके परिजनों ने पुत्री श्रृद्धा राठौर को अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रस्ताव दिया है। आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय ने यह प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग के पास भेजा है।
इसमें कहा गया है कि अनुकंपा नियुक्ति के लिए संविधान के तहत महिला और पुरुष को मिले समानता के अधिकार के आधार पर राज्य सरकार कोई भेदभाव नहीं कर सकती है। वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकार उनके यहां नियमों में बदलाव कर विवाहित पुत्रियों को दिवंगत शासकीय कर्मचारी के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति देने का नियम बना चुकी है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने इस प्रस्ताव पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है लेकिन इसे विभाग को रिजेक्ट कर लौटाया नहीं है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इस पर विधिक राय लेने के बाद मध्यप्रदेश सरकार भी छत्तीसगढ़ और राजस्थान की तर्ज पर मध्यप्रदेश में विवाहित पुत्री को अनुकंपा नियुक्ति देने नियमों में संशोधन कर सकती है।
यह होगा फायदा
मध्यप्रदेश में भी यदि इस संबंध में निर्णय होता है तो इसका फायदा उन विवाहित पुत्रियों को मिल सकेगा जो अपने माता-पिता की इकलौती संतान है और विवाह हो जाने के कारण सरकारी अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं रखती है। जिन घरों में पुत्र की जगह पुत्री नौकरी करना चाहती है उन्हें भी अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी।