भोपाल। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि संवेदनशील पुरुष और जागरुक महिलाएं आपस में मिलकर देश को आगे बढ़ाने और सशक्त करने का काम कर रही हैं। देश में महिला और पुरुषों दोनों में समान शिक्षा होना जरूरी है। महिला शिक्षित रहेगी तो परिवार और समाज शिक्षित होगा। हमें ऐसा माहौल बनाना होगा कि महिलाएं निर्भीक व स्वतंत्र महसूस कर सकें और आत्मनिर्भर बनकर देश के विकास में बराबर की भागीदारी निभा सकें।
राजधानी के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में महिला स्वसहायता समूह के सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि चारदीवारी से बाहर निकलकर महिलाओं ने पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने में महारत दिखाई है लेकिन देश का विकास महिला और पुरुष दोनों ही संतानों के शिक्षित होने से ही होगा। उन्होंने मध्यप्रदेश में महिलाओं का देश और प्रदेश के विकास में योगदान याद करते हुए कहा कि एमपी की कई ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम बनाया है। देश के आधुनिक लोकतंत्र के लिए सुमित्रा महाजन और कला के क्षेत्र में भूरी बाई, दुर्गा बाई जैसी महिलाओं का जिक्र भी उन्होंने किया। उन्होंने देश की आजादी और समाज के विकास के लिए वीरांगनाओं का भी जिक्र अपने संबोधन में किया। उन्होंने कहा कि एमपी में 17 हजार महिलाओं का जनप्रतिनिधि बनना महिला सशक्तिकरण की ओर बढ़ता कदम है। उन्होंने कहा कि यहां आकर वे अभिभूत हैं। महिलाओं की लगन देखकर लगता है कि ऐसी स्थिति रही तो प्रदेश के साथ देश के विकास की गति तेज होगी।
इस कार्यक्रम को राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने भी संबोधित किया। इस मौके पर भोपाल के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह मंत्री रामखेलावन पटेल, महापौर मालती राय भी मौजूद रहे।
आपस में मददगार बनें महिलाएं
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि महिलाएं स्वभाव से ही कम से कम संसाधनों में अधिक से अधिक उपयोग लेने का काम जानती हैं। इस कार्यक्रम के जरिए महिलाएं जागरूक होंगी और स्वरोजगार से जुड़ेंगी। समान अवसर मिलने पर बेटियां बेटों से आगे निकलने की क्षमता रखती हैं। महिलाएं अपनी प्रतिभा का भरपूर उपयोग करें। पढ़ाई और प्रतियोगिताओं में लड़कों से ज्यादा मेडल लड़कियां लाती हैं। राष्ट्रपति ने महिलाओं से आह्वान किया कि महिला महिलाओं की मदद करें और आपसी सहयोग से आगे बढ़ें। उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार की तारीफ करते हुए कहा प्रदेश में 40 लाख महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं, यह वाकई सराहनीय प्रयास है। इन बहनों ने यह तय कर लिया था कि यह गरीब नहीं रहेंगी। उन्होंने आजीविका मिशन के माध्यम से स्व-सहायता समूह बनाए। अब वह साबुन, कपड़े, सैनिटाइजर और आभूषण बनाती हैं।
राष्ट्रपति ने किया जनजातीय संग्रहालय की वीथिकाओं का अवलोकन
इसके पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जनजातीय संग्रहालय स्थित जनजातीय जीवन वीथिका, जनजातीय परिवेश के बच्चों के खेलों पर केन्द्रित वीथिका, लिखन्दरा प्रदर्शनी दीर्घा और चिनहारी संग्रहालय स्टॉल का अवलोकन किया। राष्ट्रपति ने आदिवासी कलाकृतियों और आदिवासी जीवन शैली पर आधारित अभिलेखों को देखा। इस अवसर पर राष्ट्रपति का पद्मश्री भूरी बाई ने अंग वस्त्रम भेंट कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री चौहान ने राष्ट्रपति को इन वीथिकाओं के संबंध में जानकारी दी। राष्ट्रपति मुर्मू को जनजातीय संग्रहालय की ओर से भगवान गणेश की धातुशिल्प से निर्मित लघु प्रतिमा, भारिया देवलोक सहित अन्य पुस्तकों का सेट व गोंड पेंटिंग भेंट की गई।