भोपाल। राजधानी में मौसम में ठंडक घुलती जा रही है। सुबह-शाम का वातावरण सर्द होता जा रहा है। इसका असर सुबह मॉनिंग वॉक पर जाने वालों पर पड़ने लगा है। तमाम अस्पतालों में ठंड की वजह से होन ेवाले रोगों के मरीज बढ़ गए हैं। ठंड में अक्सर तीन तरह की गंभीर समस्याएं हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक तथा अस्थमा काफी बढ़ जाती हैं। दरअसल दो दिन पहले लालघाटी क्षेत्र में मॉनिंग वॉक पर निकले 62 वर्षीय बुजुर्ग सड़क पर गिर पड़े , लोगों ने उन्हें 108 से हमीदिया अस्पताल पहुंचाया।
जांच में पता चला कि सुबह तेज ठंड के चलते दिमांग में हलचल से बेहोश हो गए। बतादें कि हमीदिया में बीते एक सप्ताह से ब्रेन स्ट्रोक के चार मरीज भर्ती हो चुके हैं। 7 दिन में पांच ब्रेन स्ट्रोक के मरीज आ चुके हैं।
ठंड में इसलिए बढ़ते हैं हार्ट अटैक केस
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. आरएस मीना का कहना है कि ह्रदय तक आॅक्सीजन पहुंचने में रुकावट से अटैक का खतरा होता है। ठंड के सीजन में शरीर को गर्म करने के लिए हार्ट को अधिक काम करना पड़ता है, जिससे उस पर अधिक प्रेशर पड़ता है। ऐसे में रोागियों में हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। यह स्ट्रोक सुबह के समय अधिक होता है। संकेत मिलते ही डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
जेपी में कार्डियोलॉजी-न्यूरोसर्जन नहीं
जेपी अस्पताल में हार्ट व ब्रेन स्ट्रोक और अस्थमा के मरीजों के बेहतर उपचार के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। जिले के सबसे बड़े जेपी अस्पताल में हार्ट व ब्रेन स्ट्रोक के सर्दी में 20 प्रतिशत केस बढ़ जाते हैं, कार्डियोलॉजी और न्यूरोसर्जन समेत अन्य सुविधाओं के अभाव में ही ज्यादातर मरीजों को हमीदिया अस्पताल रैफर कर दिया जाता है।
हार्ट स्ट्रोक के संकेत
सीने में दर्द या जकड़न।
ल्ल बांह या कंधों में समझ न आनेवाला दर्द।
पीठ, गर्दन व जबड़े में दर्द होना।
सांस लेने में तकलीफ।
कमजोरी, चक्कर आना व बेहोशी की स्थिति।
ब्रेन स्ट्रोक के संकेत
लगातार चक्कर आना,संतुलन खो देना।
शरीर में एक तरफ कमजोरी व सुन्न होना।
तेज सिरदर्द, आंखों में अत्यधिक धुंधलापन।
बचाव के उपाय
ठंड, बारिश और धूल से बचें।
घर से निकलने पर प्रदूषण से बचने के लिए मास्क लगाएं।
ठंडे पेय और भोजन के सेवन से बचें।