रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्रमुख औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि प्रदेश में उद्योगों के सुचारू संचालन एवं औद्योगिक क्षेत्रों की समस्याओं से अवगत कराने मुख्य सचिव अमिताभ जैन से मुलाकात की। उन्हे बताया कि राज्य शासन द्वारा घोषित प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थानीय निकायों द्वारा लगातार उद्योगों को संपत्तिकर एवं निर्यातकर की नोटिस जारी किया जा रहा है एवं टैक्स वसूली का दबाव बनाया जा रहा है जो कि न्यायसंगत नही है, क्योकि औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित उद्योग राज्य शासन के ही उपक्रम सी.एस.आई.डी.सी. के जमीन पर है।
प्रतिनिधिमंडल में उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, छग चेम्बर आफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्रीज एवं छग उद्योग चेम्बर के प्रतिनिधि शामिल थे।
अवगत कराया गया कि सी.एस.आई.डी.सी के द्वारा उद्योगों से लीज रेन्ट, मेन्टेनेंस एवं अन्य चार्ज प्रतिवर्ष लिया जाता है एवं औद्योगिक क्षेत्र का रखरखाव एवं सभी मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली, पानी, सडक इत्यादि सी.एस.आई.डी.सी के द्वारा ही प्रदान की जाती हैै। नगर निगम अर्थात स्थानीय निकायों के द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की सुविधाए नहीं प्रदान की जाती है। अत: स्थानीय निकायों के द्वारा टैक्स लगाया जाना यह उचित नहीं है। इसी संदर्भ में भारत की संसद ने सभी स्थानीय निकायों से पृथक इंडस्ट्रीयल टॉउन शिप की अवधारणा 1 जून 1993 से पूरें भारत देश में लागू कर दी गयी। अन्य राज्यों जैसे तेलंगाना, गुजरात, राजस्थान, केरल, मध्यप्रदेश इत्यादि ने औद्योगिक क्षेत्रों को स्थानीय निकायों से पृथक रखते हुए इंडस्ट्रीयल टॉउन शिप का गठन किया है एवं संपत्तिकर से छूट प्रदान की गयी है। छग की नवीन उद्योग पालिसी 2019-24 एवं छग म्यूनिशपल कापोर्रेशन में भी शासन द्वारा घोषित औद्योगिक पार्को को स्थानीय निकायों से पृथक रखने का प्रावधान किया गया है। अत: छग में भी राज्य शासन द्वारा घोषित औद्योगिक क्षेत्रों/पार्को कों स्थानीय निकायों की सीमा से पृथक रखा जाना चाहिए एवं इंडस्ट्रीयल टॉउन शिप गठन किया जाना चाहिए। इससें निश्चित ही हमारे प्रदेश के उद्योगों में एक नई उर्जा का संचार होगा एवं हमारा प्रदेश औद्योगिकीकरण में देश में एक मॉडल के रूप में जाना जायेगा।
प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य सचिव को यह भी जानकारी दी कि प्रदेश की औद्योगिक क्षेत्रों में कानून व्यवस्था भी बहुत खराब होती जा रही है खासकर रायपुर के उरला औद्योगिक क्षेत्र में श्रमिकों एवं कर्मचारियों के साथ मारपीट एवं छीना झपटी आम बात हो गई है। श्रमिक जब कार्यस्थल से घर जाने निकलता है तो बाईक सवार असमाजिक तत्वों द्वारा सडक पर उन्हे रोककर मोबाईल एवं मेहनत के पैसे छीन लिया जाता हैै। उरला के मेटल पार्क एवं अछोली में जगह जगह गुमटिया लगाकर गांजा एवं अवैध शराब बिक्री की जा रही है। कबाडियों ने कब्जा कर रखा है जो छोटे छोटे बच्चों को नशे का आदि बनाकर एवं लालच देकर चोरी के लिए प्रोत्साहित करवातें है एवं उद्योगों के साथ साथ चलती ट्रकों से भी मटेरियल चुरा लेते है। अत: औद्योगिक क्षेत्रों में भी कानून व्यवस्था दुरूस्त किया जाना अति आवश्यक है।
मुख्य सचिव ने उद्योगों के प्रतिनिधि मंडल की बातों को बहुत ही ध्याानपूर्वक सुना एवं आशवस्त किया कि आपकी समस्याओं का जल्द से जल्द निराकरण किया जायेगा। उद्योगों के प्रतिनिधि मंडल मे छग चेम्बर आॅफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष अमर पारवानी, छग उद्योग चेम्बर एवं उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विन गर्ग, उपाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र सिंह एवं सहसचिव नीरज अग्रवाल उपस्थित रहें।