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प्रदेश में राशन की दुकानों तक खाद्यान्न परिवहन का काम अब युवा बेरोजगारों को

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भोपाल। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में अब अस्पताल भवन निर्माण और रखरखाव के लिए अब सिविल विंग गठित की जाएगी। वहीं प्रदेश में राशन की दुकानों तक खाद्यान्न परिवहन कर रहे ठेकेदारों से ये काम वापस लेकर युवा बेरोजगारों को दिया जाएगा इसमें मुख्यमंत्री अन्नदूत योजना का लाभ युवाओं को दिया जाएगा। इन प्रस्तावों पर बुधवार को होंने वाली कैबिनेट बैठक में चर्चा के बाद मंजूरी मिलने की संभावना है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस बार मेडिकल कॉलेजों के निर्माण तथा अनुरक्षण कार्य हेतु एक सिविल विंग के निर्माण के प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। अब प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों में जो भी निर्माण कार्य होंगे वे सिविल विंग के जरिए कराए जाएंगे। अस्पतालों में होने वाले मरम्मत और वार्षिक देखरेख के काम भी यह सिविल विंग देखेगी। इसके लिए इंजीनियरों सहित अन्य अमले की तैनाती करने पदों और बजट की मंजूरी कैबिनेट में चर्चा के बाद दी जाएगी। पिछली कैबिनेट बैठक में डेफर हो गया पीडीएस दुकानो की परिवहन व्यवस्था संबंधी प्रस्ताव आंशिक संशोधन के साथ फिर कैबिनेट बैठक में अनुमोदन के लिए रखा जाएगा।
अन्नदूत योजना को मिलेगी मंजूरी
उचित मूल्य की दुकानों तक राशन पहुंचाने का काम अब निजी ठेकेदारों से वापस लेकर युवाओं को दिया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार मुख्यमंत्री अन्नदूत योजना के तहत एक करोड़ 11 लाख परिवारों तक पीडीएस का राशन परिवहन करने की जिम्मेदारी युवा बेरोजगारों को देगी अभी तक प्रदेश में 120 परिवहनकर्ता 26 हजार दुकानों तक 223 प्रदाय केन्द्रों से गेहूं, चावल, नमक, शक्कर पहुंचाने का काम करते है। आदिवासी क्षेत्रों में राशन आपके द्वार योजना शुरु की गई थी। इन सभी योजनाओं में अब राशन परिवहन की जिम्मेदारी बेरोजगारों के जरिए होगी। 888 वाहन 18 से 45 वर्ष के युवाओं को बैंक से कर्ज दिलाकर खरीदे जाएंगे। एक लाख 25 हजार रुपए मार्जिन मनी सरकार देगी। तीन प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान और कर्ज की गारंटी भी सरकार उठाएगी। बाद में इन्हें परिवहन के लिए 65 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से परिवहन शुल्क और साढ़े बारह रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से अनाज उतारने चढ़ाने के लिए दिए जाएंगे। हर माह एक लाख 95 हजार प्रति गाड़ी संचालक को मिलेंगे। सप्ताह में दो दिन वाहन का उपयोग अन्य कामों के लिए किया जा सकेगा। सारे खर्च निकालकर सोहल हजार रुपए प्रति माह लाभ होगा।