रायपुर। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा 21 अक्टूबर को जारी अधिसूचना के माध्यम से ग्लाइफोसेट के उपयोग से मनुष्य एवं जानवरों के स्वास्थ्य के लिए खतरा एवं जोखिम को देखते हुए निर्बंधित कर दिया गया है। शासन द्वारा अधिसूचना का संक्षिप्त नाम ग्लाइफोसेट के उपयोग पर निर्बंधन आदेश 2022 दिया गया है। जिसके अनुसार राजपत्र में अंतिम प्रकाशन की तारीख से ग्लाइफोसेट का उपयोग नाशीजीव नियंत्रण प्रचालकों (पेस्ट कंट्रोल आपरेटर्स) के सिवाय कोई व्यक्ति नहीं करेगा।
कृषि विभाग रायपुर के उप संचालक ने बताया कि ग्लाइफोसेट के पंजीकरण प्रमाण पत्र धारक पंजीकरण प्रमाण पत्र जो की ग्लाइफोसेट और उसके संजातो के लिए दिये गए हैं। पंजीकरण समिति को लेवल और लिफलेट पर मोटे अक्षरों में ग्लाइफोसेट के उपयोग की अनुमति नाशीजीव नियंत्रण आपरेटरों (पेस्ट कंट्रोल आपरेटर्स) के माध्यम से दि जाये कि चेतावनी शामिल किये जाने हेतु वापस करेंगें। उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति जिसके पास पंजीकरण प्रमाण पत्र है। खण्ड -3 में निर्देष्ट 03 महीने की अवधि के भीतर पंजीकरण समिति का प्रमाण पत्र वापस करने में विफल रहता है तो कीटनाशी अधिनियम 1968 में अंर्तविष्ट उपबंधों के अधीन कायार्वाही की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार को केरल सरकार से ग्लाइफोसेट और उसके व्युतपाद के वितरण, बिक्री और उपयोग पर रोक लगाने हेतु रिपोर्ट प्राप्त हुई थी। जिसे की विशेषज्ञ समिति द्वारा विचार-विमर्श पश्चात उक्त प्रस्ताव से संतुष्ट हो कर ग्लाइफोसेट को निर्बंधित किया गया है।
कृषि विभाग जिला रायपुर द्वारा समस्त पंजीकृत कीटनाशक विक्रेताओं (पेस्ट कंट्रोल आपरेटर्स को छोड़कर) को उक्त उत्पाद के भंडारण, वितरण न करने तथा कृषकों को भी उपयोग न करने हेतु अपील की गई है। यदि किसी व्यक्ति द्वारा (पेस्ट कंट्रोल आपरेटर्स को छोड़कर) उक्त उत्पाद का भंडारण, वितरण पाया जाता है तो उसके विरूद्ध कीटनाशी अधिनियम 1968 के तहत नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।