भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व आईएएस अधिकारी राधेश्याम जुलानिया को लेकर उमा भारती ने ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में उमा भारती ने जुलानिया पर लोकायुक्त मे भ्रष्टाचार का मामला दर्ज होने का स्वागत किया है। उमा ने इस बात का भी खुलासा किया है कि केन बेतवा प्रोजेक्ट अटकाने में जुलानिया की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
मध्य प्रदेश के सियासी हलकों में एक समय अच्छी खासी वजन दारी रखने वाले रिटायर आईएस राधेश्याम जुलानिया की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही। गुरूवार को ही उनके ऊपर भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों को लेकर लोकायुक्त में मामला दर्ज हुआ था और शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने एक के बाद एक 5 ट्वीट करके राधेश्याम जुलानिया पर निशाना साधा। उमा भारती ने ट्वीट में लिखा है कि “कल प्रदेश के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी पर लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है। मैं शिकायतकर्ता का अभिनंदन करती हूं।”
1. कल प्रदेश के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी पर लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है, मैं शिकायतकर्ता का अभिनंदन करती हूं।
2. आपको याद होगा कि करीब तीन महीने पहले मैं केन-बेतवा पर इस व्यक्ति का जिक्र करते हुए ट्वीट कर चुकी हूं।
उमा ने लिखा है “आपको याद होगा करीब 3 महीने पहले मैं केन बेतवा पर इस व्यक्ति का जिक्र करते हुए ट्वीट कर चुकी हूं। मैंने दो अधिकारियों का जिक्र किया था जिनकी वजह से केन बेतवा प्रोजेक्ट 2017 में रेडी होते हुए भी शुरू नहीं हो सका था। उनमें एक यह व्यक्ति भी था। मैंने उस समय के मुख्य सचिव से मुख्यमंत्री जी के सामने ही इस अधिकारी को जल संसाधन मंत्रालय से हटाने को कहा था और वह हट भी गया लेकिन मेरा विभाग बदलते ही वह जल संसाधन में वापस हुआ। यह भी एक आश्चर्य का विषय है कि ऐसे लोग प्रभावशाली जगहों पर कैसे मौजूद रह सके।”
3. मैंने दो अधिकारियों का जिक्र किया था जिनकी वजह से केन-बेतवा प्रोजेक्ट 2017 में रेडी होते हुए भी शुरू नहीं हो सका उसमें यह एक व्यक्ति था।
4. मैंने उस समय के मुख्य सचिव से मुख्यमंत्री जी के सामने ही इस अधिकारी को जल संसाधन मंत्रालय से हटाने को कहा था एवं वह हट भी गया।
दरअसल तीन महीने पहले उमा भारती ने एक के बाद एक करके कई ट्वीट किए थे और बताया था कि मध्य प्रदेश की सरकार में मुख्यमंत्री के नजदीक रहने वाले दो आईएएस अधिकारियों के चलते केन बेतवा प्रोजेक्ट लेट हो गया था और उमा भारती ने यह भी लिखा था कि वह पहले ही बता चुकी थी कि यह अधिकारी इस प्रोजेक्ट को नहीं होने देंगे।
लोकायुक्त ने पूर्व आईएएस अधिकारी राधेश्याम जुलानिया के खिलाफ जांच शुरू की है। जुलानिया पर एक फर्म से अपने खाते में अलग-अलग माध्यम से 99.50 लाख रुपए लेने का आरोप है। इसके अगले दिन पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि कल प्रदेश के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी पर लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है, मैं शिकायकर्ता का अभिनंदन करती हूं।
आपको याद होगा कि करी तीन महीने पहले मैं केन-बेतवा पर इस व्यक्ति का जिक्र करते हुए ट्वीट कर चुकी हूं। मैंने दो अधिकारियों का जिक्र किया था। जिनकी वजह से केन-बेतवा प्रोजेक्ट 2017 में रेडी होते हुए भी शुरू नहीं हो सका। उसमें यह एक व्यक्ति था। मैंने उस समय के मुख्य सचिव से मुख्यमंत्री जी के सामने ही इस अधिकारी को जल संसाधन मंत्रालय से हटाने को कहा था। एवं वह भी गया था। मेरा विभाग बदलते ही वह जल संसाधन में वापस हुआ। यह भी एक आश्चर्य का विषय है कि ऐसे लोग प्रभावशाली जगहों पर मौजूद कैसे रह सके।
बता दें भोपाल के सामाजिक कार्यकर्ता नेमीचंद जैन ने लोकायुक्त को दो अगस्त को शिकायत की थी। आरोप लगाया था कि जुलानिया जिस बंगले में रहते हैं, उसका भूखंड उन्होंने अपने और पत्नी के नाम खरीदा। भूखंड खरीदने के लिए पैसा अर्नी इन्फ्रा के खाते से अलग-अलग बैंक खातों में घुमाकर जुलानिया के खाते में 99.50 लाख भेजा गया। शिकायत में आरोप है कि अर्नी इंफ्रा को मेंटाना ने 93 करोड़ रुपये के काम सबलेट किए थे। जुलानिया लंबे समय तक जल संसाधन विभाग के मुखिया रहे हैं। उनके कार्यकाल में मेंटाना को करोड़ों रुपये के काम दिए गए। शिकातयकर्ता ने आरोपों के कथित प्रमाण भी लोकायुक्त को दिए हैं। शिकायत के अनुसार जुलानिया जब जल सांसधान विभाग में थे, उस समय उनकी बेटी लवण्या हैदराबाद मे मेंटाना की ही एक कंपनी में जॉब कर रही थी। इसकी जानकारी जुलानिया ने राज्य सरकार को नहीं दी।