रायपुर। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टी. एस. सिंहदेव ने कहा है कि सभी जिला अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं अन्य हेल्थ सेंटरों में मरीजों के ईलाज के लिए पर्याप्त दवाओं का स्टाक होना चाहिए। उन्होंने कहा है कि लोगों के ईलाज के लिए धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने बताया कि राज्य शासन द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पर्याप्त मात्रा में बजट उपलब्ध कराया जा रहा है।
मंत्रालय महानदी भवन में स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव की अध्यक्षता में यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन आॅफ इंडिया द्वारा छत्तीसगढ़ में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज हेतु प्रारंभिक योजना की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। रिपोर्ट में बताया गया कि छत्तीसगढ़ शासन प्रदेश में आमजन को सार्वभौमिक स्वास्थ्य के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। छत्तीसगढ़ में यूएचसी का उद्देश्य सभी के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए समान रूप् से स्वास्थ्य सुविधायें प्रदान करना है। गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं में उपचार, डायग्नोस्टिक, दवाइयों की उपलब्धता, पुनर्वास और उपशामक सेवाएं नि:शुल्क प्रदान किया जाना है जिससे कि आमजन को किसी प्रकार की आर्थिक कठिनाई का सामना न करना पड़े।
पीएचएफआई के प्रतिनिधियों ने बताया कि स्वास्थ्य पर सार्वजनिक खर्च को मौजूदा 5-6 प्रतिशत से बढ़ाकर 8-10 प्रतिशत करने की बात कही गई है। जिससे कि स्वास्थ्य पर लोगों द्वारा कम व्यय हो। स्वास्थ्य के लिए मानव संसाधन की स्थिति में सुधार, प्रशिक्षण, प्राथमिक देखभाल के स्तरों पर सेवा वितरण को सुदृढ़ करने के साथ प्रदेश में जनसंख्या के स्वास्थ्य स्तर को बनाए रखना जरूरी है। बीमा कवरेज का विस्तार कर स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने एवं दवाओं के लिए एक कुशल खरीद व्यवस्था और वितरण तंत्र को विकसित करना आवश्यक है। स्वास्थ्य सेवा वितरण के हर स्तर पर गुणवत्ता सुनिश्चित कर सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने एवं फीडबैक प्रणाली विकसित करने का विचार किया जाना जरूरी है। निजी स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र को संलग्न और विनियमित कर राज्य स्वास्थ्य की स्थापना करके समग्र स्वास्थ्य प्रशासन और प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने के साथ एक विश्वसनीय स्वास्थ्य सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) प्रणाली स्थापित करने को कहा है। बैठक में स्वास्थ्य सचिव आर. प्रसन्ना, स्वास्थ्य संचालक भीम सिंह, मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोस्कर विलास संदिपान के अलावा स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए।