कानपुर। अग्निवीर भर्ती का पहला दिन गोंडा के युवाओं के नाम रहा। अरमापुर के अरमरेना मैदान में दस नवंबर तक चलने वाली भर्ती के पहले दिन गुरुवार को गोंडा जिले की कर्नलगंज व मनकापुर तहसील के करीब साढ़े चार हजार अभ्यर्थी पहुंचे। बुधवार देर रात एक बजे से युवाओं को रैली मैदान में प्रवेश दिया गया, जहां उन्हें लंबाई से लेकर 1600 मीटर की दौड़ समेत कई कसौटियों पर परखा गया।
कहीं खुशी तो कहीं गम
मैदान में प्रवेश करते ही सबसे पहले सैन्यकर्मियों द्वारा अभ्यर्थियों का प्रवेश पत्र चेक किया गया। इसके बाद अभ्यर्थियों की लंबाई नापने को उन्हें एक निश्चित ऊंचाई पर लगी रॉड के नीचे से गुजारा गया। लंबाई के इस मानक तक पहुंच पाने वाले युवाओं को ही अगले चरण को योग्य माना गया। बाकी जिनकी लंबाई कम थी उन्हें मायूस लौटना पड़ा।
इस दौरान भर्ती के लिए लंबे समय से दौड़ व अन्य तैयारियां कर रहे कई युवाओं को जब अपना सपना टूटता दिखा तो उनके आंसू छलक पड़े। कई फेल युवा तो एक बार और मौका देनी की गुजारिश करते हुए बिलख पड़े, लेकिन उनके आंसुओं का सैन्य कर्मियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। लंबाई की कसौटी में खरे उतरने के बाद अभ्यर्थियों को एक स्टॉल पर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कराना पड़ा। इसके बाद तीन-तीन सौ सफल युवाओं के समूह को दौड़ 1600 मीटर की परिधि में दौड़ाया गया।
दम फूला तो छोड़ दिया मैदान
सुबह छह बजे सैन्य अधिकारियों के लाल झंडी दिखाते ही अभ्यर्थियों ने दौड़ना शुरू किया। कई ने शुरू में तो काफी तेजी से फर्राटा भरा,लेकिन आधी दूर पहुंचने पर ही उनका दम फूलने लगा। ऐसे युवाओं ने अपना पूरा प्रयास करने की जी तोड़ कोशिश की लेकिन शरीर साथ नहीं देने के कारण वह एक-एक कर दौड़ से बाहर होते गए। दौड़ में सफल युवाओं को अगले चरण के लिए रोक लिया गया, जबकि अन्य सभी को बाहर कर दिया गया। शुक्रवार को भी गोंडा के युवाओं की भर्ती की प्रक्रिया जारी रहेगी।
13 जिलों के लिए हो रही अग्निवीर भर्ती रैली
भर्ती रैली में लखनऊ, गोंडा, उन्नाव, बाराबंकी, कन्नौज, औरैया, चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, महोबा, फतेहपुर, कानपुर देहात और कानपुर नगर शामिल हैं। इन जिलों से करीब एक लाख उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया है।
अभ्यर्थियों ने मापदंड में लगाया आरोप
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि भर्ती के लिए लंबाई का मानक169 सेमी. था, लेकिन भीड़ देखकर 172 सेमी. लंबाई पर चयन किया जा रहा है। अभ्यर्थियों ने दौड़ में भी सख्ती बरतने की बात कही। अभ्यर्थियों ने हंगामा शुरू किया। वहीं, मामला सेना के अफसरों तक पहुंचा तो वह बाहर आए और अभ्यर्थियों को समझाया। इसके बाद अभ्यर्थी शांत हुए।
अभ्यर्थियों की कहानी, उन्हीं की जुबानी
दौड़ के लिए काफी तैयारी की थी,लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। कुछ क्षणों की वजह से इस बार सेना में भर्ती का सपना पूरा न हो सका। -सुनील कुमार,गोंडा
मैदान में नमी वाली घास होने की वजह से दौड़ने में काफी दिक्कत हो रही थी। समूह में काफी पीछे बैठने का मौका मिला वरना पास हो जाता। -कुंवर प्रताप सिंह, गोंडा
चयन नहीं होने से काफी निराशा हुई। दौड़ को लेकर कई महीने से तैयारी कर रहा था। दौड़ के बाद पता लगा अभी और मेहनत करनी पड़ेगी। -अभय सिंह, गोंडा
काफी तेज दौड़ा, पता नहीं कहां कमी रह गई, जो बाहर हो गया। अगली बार और ज्यादा मेहनत कर सफल होने की पूरी कोशिश करेंगे।-देव सिंह, गोंडा