भोपाल। प्रदेश में टैक्स पेयर को शोषण रोकने के लिए कमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट और अधिक पारदर्शी और करप्शन फ्री वर्किंग पर जोर देगा। विभाग की इसी नीति के चलते जीएसटी रिटर्न फाइलिंग में देश में मध्यप्रदेश प्रथम 5 राज्यों में शामिल हुआ है। यहां रिटर्न फाइलिंग 85 प्रतिशत है। इसके सात ही विभाग द्वारा 210 करोड़ रुपए अतिरिक्त कोशिश कर जमा कराए गए।
विभाग ने तय किया है कि अगले 6 माह में 377 करोड़ रुपए के अतिरिक्त राजस्व संग्रहण किया जाए। आगामी छह माह में राजस्व वृद्धि के प्रयास को टैक्स आधार में वृद्धि, वैट रिकवरी, जीएसटी आॅडिट और संदेहास्पद डीलरों के भौतिक सत्यापन के प्रयासों पर केन्द्रित किया जा रहा है। इसके लिए डेटा कमांड एण्ड कन्ट्रोल सेंटर से वाहन चेकिंग को आॅटोमेटिक किया गया है। इस व्यवस्था में वाहन से संबंधित एसएमएस की सुविधा एवं फोटो अपलोड करना अनिवार्य रहेगा। साथ ही समस्त नोटिस पोर्टल के माध्यम से आॅनलाइन जारी किए जा रहे हैं। जीएसटी अंतर्गत नये करदाताओं की सुविधा हेतु वेलकम किट, छोटे करदाताओं की सुविधा हेतु वाटसअप आधारित चेटबाट, करदाताओं से सरल संवाद हेतु प्रत्येक कार्यालय में हेल्प डेक्स, यु-ट्यूब चैनल, नवीन नोटिफिक्शन की सूचना दी जा रही है।
पिछले साल से 20.48% अधिक राजस्व
प्रदेश में कमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट का वर्ष 2020-21 में सकल राजस्व 42558.91 करोड़ रुपए था, जो वर्ष 2021-22 में बढ़ कर 49068.10 करोड़ रुपए हो गया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 15.29 प्रतिशत ज्यादा है। इस वित्तीय वर्ष में माह सितम्बर तक जीएसटी में 12450.13 करोड़ रुपए एवं वैट में 8451.71 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में प्राप्त राजस्व से 20.48 प्रतिशत अधिक है। माह सितम्बर 2022 तक राजस्व संग्रहण पिछले वर्ष से 103 प्रतिशत अधिक रहा। जीएसटी ग्रोथ भी 24 प्रतिशत अधिक रही।