मुंगेली/ मुंगेली के जमीन दलालो और भूमाफियाओं द्वारा भुपेश सरकार को करोड़ो रुपये का चूना लगाया जा रहा हैं, जिसमें जिला प्रशासन के अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण हैं।
छत्तीसगढ़ नगरपालिक निगम तथा नगर पालिका ( कालोनाईजर का रजिस्ट्रेशन, निर्बंधन तथा शर्ते) नियम के तहत किसी भी कालोनाइजरों को कालोनी की स्थापना करने के लिए उस क्षेत्र में आंतरिक विकास कार्य एवं बाह्य विकास कार्य स्वयं कराने होते है साथ ही इस नियम एवं शर्तो के तहत मूलभूत सुविधाएं के साथ साथ बहुत सारे आवश्यक कार्य पूर्ण कराने कालोनाइजर बाध्य हैं, परंतु मुंगेली में अधिकारियों के आशीर्वाद प्राप्त होने की वजह से भूमाफियाओं और जमीन दलालों के द्वारा अवैध प्लाटिंग कर ग्राहकों को जमीन बेचा जा रहा, और देखते ही देखते इन अवैध प्लाटिंग वाले जगह में एक कालोनी का निर्माण हो जाता हैं, परन्तु कालोनाइजरों द्वारा उसे मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जाता हैं जिसके कारण अवैध प्लाटिंग में रहने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं, इन परेशानियों के चलते कालोनियों में निवासरत लोगो द्वारा सुविधाओं को लेकर कई बार चुनाव बहिष्कार भी किया गया परंतु वोट बैंक के चलते जनप्रतिनिधियों के द्वारा और रुपयों की लालच में अधिकारियों के द्वारा उस अवैध कालोनी में अपने विभाग के फंड से कई निर्माण कार्य किये जाते है जबकि यह निर्माण कार्य कालोनाइजरों को करनी चाहिए, मुंगेली नगर पालिका द्वारा लम्बे समय से अवैध प्लाटिंग और अवैध कालोनी में कराए जा रहे निर्माण और मरम्मत कार्य सेे भूपेश सरकार को करोड़ों रुपये की क्षति हो रही हैं, जिस पर सभी राजनीतिक पार्टियां भी मौन धारण किये हुए है। अब देखना हैं कि मुंगेली नगर पालिका भुपेश सरकार को और कितना आर्थिक क्षति पहुचाती हैं ?
नगर पालिका से अवैध कालोनाइजरों की सूची आरटीआई एक्टिविस्ट/सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई थी परन्तु एक महीने बीत जाने के बाद भी नगर पालिका के द्वारा जानकारी नही दी गई, जिससे संदेहास्पद स्थिति बनी हुई हैं।