भोपाल। प्रदेश में राज्य सरकार को खेतों में उत्पादित धान बेचने के लिए सरकार किसानों का पंजीयन कर रही है। इस बार किसानों के बैंक खातों में गड़बड़ी या त्रुटि होंने से भुगतान अटके नहीं इसलिए राज्य सरकार सभी पंजीकृत किसानों के बैंक खातों में एक रुपए भेजकर उनका वेरीफिकेशन करेगी। अब तक 3 लाख 90 हजार किसानों का वेरीफिकेशन हो चुका है। अभी सरकार ने धान , ज्वार, बाजरा उर्पाजन के लिए पंजीयन की अवधि बढ़ाकर 21 अक्टूबर कर दी है। धान का सर्मथन मूल्य पर विक्रय करने के इच्छुक किसानों का एसडीएम और तहसीलदार द्वारा भी वेरीफिकेशन किया जा रहा है। इन्होंने अब तक प्रदेश के 19 हजार 550 किसानों का वेरीफिकेशन किया है। इन्होंने 68 हजार 372 खसरों का वेरीफिकेशन किया है।
प्रदेश में वेरीफिकेशन के पहले किसानों का का रकबा 42 हजार 953 हेक्टेयर था। जांच के बाद यह घटकर 42 हजार 844 रह गया है इसमें 109 हेक्टेयर रकबा घट गया है। सबसे ज्यादा नर्मदापुरम जिले में 47 हेक्टेयर रकबा जांच के बाद कम पाया गया है। पिछले साल की बजाय इस साल 43 हजार 697 किसानों का रकबा पचास फीसदी बढ़ गया है। इन किसानों का रकबा एक लाख 3 हजार 636 हेक्टेयर पाया गया है। एमपी किसान एप पर अब तक 74 हजार 963 किसानों ने पंजीयन कराया है। उन्होंने अपना रकबा 1 लाख 21 हजार 429 हेक्टेयर बताया है। शिकमी खेती करने वालों ने भी इस बार काफी संख्या में पंजीयन कराया है। ऐसे 21 हजार 518 किसानों ने 55 हजार 683 हेक्टेयर खेतों का पंजीयन कराया है। प्रदेश में चार हेक्टैयर से अधिक जमीन पर धान की खेती करने वाले एक लाख 21 हजार 677 किसानों ने चार लाख 62 हजार 358 हेक्टेयर जमीन के लिए पंजीयन कराया है।