भोपाल। प्रदेश में अब कोई भी गरीब सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सस्ते गेहूं-चावल से वंचित नहीं रहेगा। विधानसभा चुनावों के पहले राज्य सरकार प्रदेश में 36 लाख नये गरीबों को गरीबी रेखा की सूची में जोड़कर उन्हें पीडीएस का एक रुपए किलो गेहूं-चावल, नमक देने की तैयारी में है। अभी प्रदेश में पांच करोड़ दस लाख गरीब है इसमें अब 38 लाख गरीब और बढ़ेंगे। इसके लिए प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जा रहा है। अब तक साढ़े तीन लाख गरीबों के नाम जोड़ने की कार्यवाही पूरी हो चुकी है।
मध्यप्रदेश में राज्य सरकार गरीबों को एक रुपए किलो गेहूं-चावल, मोटा अनाज , एक रुपए किलो नमक, रियायती दर पर शक्कर गरीबों को उपलब्ध कराती है। हर गरीब व्यक्ति को हर माह पांच किलो रियायती अनाज दिया जाता है। अतिगरीब परिवारों को पैतीस किलो रियायती अनाज दिया जाता है। प्रदेश की आबादी में इन गरीबों की एक बड़ी संख्या है। केन्द्र सरकार ने मध्यप्रदेश में पांच करोड़ 46 लाख गरीबों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत रियायती दरों पर अनाज देने की स्वीकृति दे रखी है। फिलहाल प्रदेश में पांच करोड़ दस लाख गरीब है जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत रियायती दरों पर मिलने वाले अनाज का फायदा उठा रहे है। इसमें अभी 36 लाख गरीब और बढ़ाए जा सकते है।
चूंकि यह योजना इसका लाभ लेने वाले गरीबों को सत्तारुढ़ दल से जोड़ने में भी उपयोगी है इसलिए राज्य सरकार अब पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर कागजों में चल रहे गरीबों को हटाकर और वास्तविक गरीबों को इसका लाभ देने के लिए अभियान चला रही है। फिलहाल प्रदेश में 28 हजार 833 अपात्र, दिवंगत हो चुके, शिफ्टेड गरीबों के नाम गरीबी रेखा की सूची से हटाते हुए इनको रियायती राशन के लाभ की योजना से बाहर कर दिया है।